आज भारत बंद का जेएमएम व कांग्रेस ने किया समर्थन | रांची के स्कूल बंद रहेंगे | केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी
रांची। बुधवार यानी 21 अगस्त के भारत बंद को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने बंद का समर्थन किया है। बंद को लेकर रांची के लगभग सभी स्कूल को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं, बंद को लेकर झारखंड पुलिस अलर्ट मोड पर है। जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि विगत दिनों SC/ST के आरक्षण में वर्गीकरण पर भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया निर्णय एस.सी./ एस.टी. वर्ग के उत्थान एवं मजबूती के मार्ग मे बाधक है। सामाजिक संगठनों द्वारा उक्त निर्णय के विरोध में 21 अगस्त 2024 को प्रातः 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक संपूर्ण भारत बंद का निर्णय लिया गया है। नेतृत्व द्वारा उक्त भारत बंद कार्यक्रम को सक्रिय समर्थन देने का निर्णय लिया गया है। पार्टी के सभी केंद्रीय समिति के पदाधिकारी तथा सदस्य, जिला अध्यक्ष, सचिव और जिला संयोजक को निर्देश दिया जाता है कि 21 अगस्त को आहूत भारत बंद मे शामिल होकर सक्रिय रूप से अपना समर्थन देंगे।
22 को होगा केशव महतो व रामेश्वर उरांव का अभिनंदन समारोह
बंद को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने भी अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सभी जिला अध्यक्षों, अग्रणी संगठन के विभाग एवं प्रकोष्ठों को निर्देश दिया है कि भारत बंद के दौरान सक्रिया भूमिका अदा करें। प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने बताया कि 21 अगस्त को होनेवाली झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश एवं नवनियुक्त कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ रामेश्वर उरांव का स्वागत सह अभिनंदन समारोह स्थगित किया जाता है और अब यह स्वागत सह अभिनंदन समारोह 22 अगस्त को होगा।
यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन निकाला था
केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। इस मामले को लेकर कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी (UPSC) चेयरमैन को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए 45 ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली थी। सरकार के इस फैसले पर जमकर सियासी बवाल मचा। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण पर चोट कर रही है। इतना ही नहीं एनडीए के घटक दलों ने भी फैसले की आलोचना की। केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को लिखे पत्र में बताया कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया है। पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर लेटरल एंट्री 2014 से पहले की थी। 2014 से पहले होने वाले लेटरल एंट्री में आरक्षण के बारे में कभी सोचा नहीं गया। नेशनल एडवाइजरी काउंसि पीएमओ को कंट्रोल करती थी। पत्र में आगे लिखा गया कि ये पद विशेष हैं ऐसे में इन पदों पर नियुक्तियों को लेकर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसकी समीक्षा और जरूरत के अनुरूप इनमें सुधार की जरूरत है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का पूरा फोकस सामाजिक न्याय की ओर है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है बंद
बता दें कि अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों ने 21 अगस्त को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। बसपा समेत कई पार्टियां इस बंद का समर्थन कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था कि ‘सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए- सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।