रांची ! चंपई सोरेन के कैबिनेट विस्तार से पहले और बाद में भी कांग्रेस के विधायकों का कलह चरम पर है. कांग्रेस के कई विधायकों ने कांग्रेस से बनाये गए मंत्री का खुलकर विरोध किए. कांग्रेस में पूर्व मंत्रियों को फिर मंत्री में रिपीट करने पर कांग्रेस के 12 विधायक बैठक करके अपनी नाराजगी जताई. कांग्रेस के विधायक इरफ़ान अंसारी के आवास पर दीपिका पांडेय और उमा शंकर अकेला पहुंचे. तीनों विधायकों ने बंद कमरे में घंटों बैठकर आगे की रणनीति बनाये.
क्या है पूरा मामला
कांग्रेस के विधायकों ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों को नहीं हटाया गया तो कांग्रेस के 12 विधायक किसी भी हद तक जा सकते हैं. इरफान अंसारी का कहना है कि यह नाराजगी झारखंड सरकार या कांग्रेस आलाकमान के प्रति नहीं है बल्कि यह नाराजगी कांग्रेस कोटे से शपथ लेने वाले चारों मंत्रियों को लेकर है. उनके मुताबिक, चारों मंत्रियों का परफॉर्मेंस बेहद निराशाजनक रहा है. इसका खामियाजा क्षेत्र में विधायकों को उठाना पड़ रहा है. सरकार में होते हुए भी उन्हीं की पार्टी के मंत्री उनकी बातें नहीं सुनते हैं. महगामा से कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा है कि सभी विधायकों ने प्रभारी को लिखित में अपनी भावना से अवगत करा दिया है. उनका कहना है कि कांग्रेस कोटे के चारो मंत्रियों को बदलना चाहिए. दीपिका पांडेय ने कहा कि नाराज विधायकों के दूसरे स्टेट में जाने और बजट सत्र के बहिष्कार का ऑप्शन खुला हुआ है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आलाकमान क्या फैसला लेता है. प्रदेश प्रभारी को लिखित में सभी बिंदुओं से अवगत करा दिया गया है. अब उनकी कोशिश है कि यह मामला राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल तक पहुंचे.