

108 AMBULANCE : झारखंड में मरीजों को मुफ्त एम्बुलेंस सेवा देने वाली 108 नंबर की एम्बुलेंस सेवा आगामी 28 जुलाई से बंद हो सकती है। इसकी वजह है झारखंड प्रदेश एम्बुलेंस कर्मचारी संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर 28 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करना। बता दें कि कर्मचारी पिछले मंगलवार (22 जुलाई) को भी अपनी मांगों को लेकर रांची में प्रदर्शन कर चुके हैं। संघ का कहना है कि उनकी मांगों पर स्वास्थ्य विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया है।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- सेवा अवधि बढ़ोतरी: सभी 108 एम्बुलेंस कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष तक की जाए।
- समझौता लागू करना: 26 जून 2025 को एम्बुलेंस सेवा संचालित करने वाली कंपनी के साथ हुए 09 बिंदुओं के समझौते को तुरंत लागू किया जाए।
- सीधा वेतन भुगतान: कर्मचारियों और विभाग के बीच के बिचौलिए को हटाकर, कर्मचारियों का वेतन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के जरिए सीधे किया जाए।
- बहाली व कार्रवाई: पहले निलंबित किए गए कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए और भ्रष्ट अधिकारियों को सेवा से हटाया जाए।
हड़ताल का असर
- संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी के अनुसार, हर दिन 1500 से 2000 मरीज 108 एम्बुलेंस सेवा का लाभ लेते हैं।
- उन्होंने चेतावनी दी कि हड़ताल से मरीजों को होने वाली किसी भी परेशानी की जिम्मेदारी एम्बुलेंस एजेंसी और स्वास्थ्य विभाग पर होगी।
प्रशासन की तैयारी
- रांची सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बिमलेश कुमार सिंह और रांची के सिविल सर्जन ने बताया कि हड़ताल के मरीजों पर पड़ने वाले असर को रोकने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
- उनके अनुसार, सदर अस्पताल के पास 8 एम्बुलेंस और पूरे रांची जिले में लगभग 16 एम्बुलेंस उपलब्ध हैं।
- इसके अलावा, एमपी-एमएलए कोटे से मिली एम्बुलेंस और CSR के तहत विभिन्न संस्थानों से प्राप्त एम्बुलेंस का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
- अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि “मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी” और 28 जुलाई से पहले बातचीत से समाधान निकल आने की भी संभावना जताई है।
add a comment