

किरेन रिजिजू बोले- JPC के कई सुझावों को स्वीकार किया
रांची। लोकसभा में मंजूरी मिलने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के बाद वोटिंग हुई। प्रस्तावों पर ध्वनिमत से वोटिंग हुआ। विपक्ष की ओर से बिल में संशोधन के कई प्रस्ताव पेश किए गए, लेकिन एक के बाद एक सभी संशोधन ध्वनिमत से खारिज हो गए। प्रस्ताव पर सरकार के पक्ष (एनडीए) में 128 व खिलाफ (इंडिया) में 95 वोट पड़े। इस तरह आसानी से बिल राज्यसभा में भी पास हो गया। गैर मुस्लिम सदस्य वाला प्रस्ताव भी गिरा। वोटिंग के दौरान जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी समेत तमाम बड़े नेता सदन में मौजूद रहे। लोकसभा में वक्फ विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से सदन की मंजूरी मिली थी। बता दें कि दोनों यानी लोकसभा व राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 के पास हो जाने के बाद राष्ट्रपति के पास बिल के मंजूरी के लिए जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद वक्फ संशोधन बिल 2024 का कानून बन जाएगा। लोकसभा में 12 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई थी, वहीं, राज्यसभा में भी 12 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई। 2.30 बजे रात तक कार्यवाही चली।
बिल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए
इससे पहले नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बहस के दौरान तीखा स्वर अपनाते हुए कहा, “मेरी किस्मत अच्छी है कि गृहमंत्री यहां मौजूद हैं, लेकिन वे गुफ्तगू में व्यस्त हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है। खड़गे ने कहा, “1995 के एक्ट में जरूरी बदलाव होते तो हम मान लेते, लेकिन इसमें अनावश्यक प्रावधान जोड़े गए हैं। वहीं, अल्पसंख्यक मामले के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में जवाब देते हुए बताया कि हमने विपक्ष के कई सुझावों को माना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष के सभी सवालों के जवाब दिए। जो बहुमत में होते हैं, वो सरकार चलाते हैं।
तीर कहीं और है और निशाना कहीं और है
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सांसद सरफराज अहमद ने कहा कि इस सरकार ने इतना बुल्डोजर चलाया है कि मुस्लिमों का भला नहीं होगा। वक्फ बिल से मुस्लिमों का भला नहीं होगा। उनका भला शिक्षा, रोजगार से होगा। वक्फ किसी की जमीन नहीं हड़पता है। वक्फ की जमीनों पर बहुत कब्जा हुआ है। सरकार नहीं बताती है कि वक्फ की जमीन कहां कहां कब्जा हुआ है। सरकार उसे छुड़ाने की बात नहीं करती है। उन जमीनों पर मॉल, सिनेमा तक बन गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि बिल को लेकर कितने सजेशन आए, उसके बारे में सरकार ने नहीं बताया है। कौन-कौन से सजेशन को रखा गया है, किन पर इम्प्लीमेंट किया गया है, इसकी चर्चा होनी चाहिए। जिन चीजों को प्रैक्टिकली नहीं किया जा सकता, उन बातों को इस बिल में रखा गया है। सरकार का तीर कहीं और है और निशाना कहीं और है।
दलों का रुख
- बीजद (BJD) ने स्पष्ट किया कि उसने अपने सांसदों को बिल पर मतदान के लिए व्हिप जारी नहीं की है और सदस्यों को “अंतरात्मा की आवाज” सुनने को कहा है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “हमने UPA सरकार के मुकाबले वक्फ मामलों में गंभीरता दिखाई है।”
- भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने वक्फ बोर्ड के इतिहास का जिक्र करते हुए दावा किया, “वक्फ ने एक बार ताजमहल पर भी दावा ठोका था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।”
विवाद और आरोप-प्रत्यारोप
बुधवार को भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के कर्नाटक में वक्फ जमीन घोटाले में खड़गे के नाम लेने पर राज्यसभा में हंगामा हुआ। खड़गे ने जवाब दिया, “ठाकुर सबूत पेश करें या इस्तीफा दें। उनके परिवार के पास वक्फ की एक इंच जमीन भी नहीं है।”
मुस्लिम नेताओं की चिंताएं
- कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने बिल को “मुसलमानों के लिए नई उम्मीद नहीं” बताया और आरोप लगाया कि सरकार अमेरिकी टैरिफ जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।
धर्मनिरपेक्षता और कानूनी पहलू:
- निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने संपत्ति दान के नियमों पर सवाल उठाते हुए कहा, “PM ‘वन नेशन वन लॉ’ की बात करते हैं, लेकिन यह बिल केवल मुसलमानों पर लागू होता है। हिंदू मंदिरों की लाखों एकड़ जमीन के प्रबंधन में सुधार क्यों नहीं?”
- शिवसेना (UBT) के संजय राउत ने व्यंग्य किया, “जिन्ना की आत्मा रिजिजू में समाई है! बेरोजगारी-महंगाई छोड़कर सरकार को अचानक मुसलमानों की चिंता क्यों हुई?”
पार्टियों में असंतोष
- बिहार में JDU के दो नेताओं ने बिल के समर्थन के विरोध में पार्टी छोड़ दी।
- AAP के संजय सिंह ने आरोप लगाया, “यह बिल धार्मिक संपत्तियों को कॉरपोरेट घरानों को देने की साजिश है। राम मंदिर घोटाले की तरह यहां भी चंदा चोरी होगी।”
समर्थन में आवाजें
- जनता दल (सेक्युलर) के एचडी देवेगौड़ा ने बिल का समर्थन करते हुए कहा, “1.2 लाख करोड़ की वक्फ संपत्ति का दुरुपयोग रोकने के लिए यह जरूरी कदम है।”