ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे की पहली सौगात : पुल नहीं होने से जिस महिला का प्रसव घर में कराया गया था अब वहां जल्द बनेगा 3.15 करोड़ की लागत से पुल
– मंत्री ने पदभार संभालते ही काम करना शुरू किया
– तोरपा प्रखंड के जिलिंगबुरु गांव में बनेगा 58 मीटर का पुल
रांची। कुछ दिनों पहले खूंटी जिला के तोरपा प्रखंड के जिलिंगबुरु गांव में एक महिला का प्रसव घर में ही कराया गया था। पुल नहीं होने के कारण तोरपा प्रखंड के जिलिंगबुरु गांव की मेरी सुरीन का प्रसव घर में ही करा दिया गया था। लेकिन अब इस गांव में बहुत जल्द पुल का निर्माण होगा। पदभार संभालते ही ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे ने पुल बनाने को लेकर फाइल में हस्ताक्षर कर दी। शुक्रवार को ही रात 8 बजे झारखंड मंत्रालय में पदभार संभाला। इसके बाद सचिव को बुलाकर पुल बनाने को लेकर फाइल में हरी झंडी दे दी। News Box Bharat से बातचीत करते हुए दीपिका पांडे ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में सीएम ने जिलिंगबुरु गांव में पुल नहीं होने पर चिंता जताई। साथ ही इसपर आगे की कार्रवाई करने को कहा। पदभार संभालते ही मैने सबसे पहले इसी पर काम किया। दीपिका ने कहा कि बहुत जल्द पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा। 58 मीटर पुल की लागत 3.15 करोड़ है। उन्होंने कहा कि सीएम सर ने कहा कि गांव में जहां-जहां पुल व रोड की समस्या है वहां इसपर काम करने का आदेश दिए हैं। दीपिका ने कहा कि अब ग्रामीणों को किसी तरह की कोई परेशानी हमारे विभाग को लेकर नहीं होगी। विभाग सीधे जनता से जुड़े काम को प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। सारे अधिकारियों को जनता की समस्याओं का हल निकालना पड़ेगा।
क्या था मामला
जिलिंगबुरु गांव जाने के रास्ते में नाला पर बना पुल टूट गया था। जिसके कारण गांव तक वाहन नहीं पहुंच पाता था। गांव की मेरी सुरीन शनिवार यानी 1 दिसंबर 2024 को प्रसव पीड़ा हुई। इसकी जानकारी सहिया को दी गई थी। महिला को स्वास्थ्य उपकेंद्र तक लाना मुश्किल था। बाद में एएनएम रूपा रानी तिग्गा, सहिया प्यारी केरकेट्टा तथा आंगनबाड़ी देविका शिलवंती कोनगाड़ी गर्भवती महिला के घर पहुंची तथा उसका सुरक्षित प्रसव कराया।
ग्रामीण वर्षो से कर रहे पुल बनाने की मांग
रोन्हे से जिलिंगबुरु जाने के रास्ते में नाला पर पुल बनाने की मांग ग्रामीण एक वर्ष से भी ज्यादा समय से कर रहे हैं। यहां पर बना पुलिया बरसात में टूटकर बह गई। पुल नहीं होने के कारण चार पहिया वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाता। लेकिन अब ग्रामीणों को बहुत जल्द इस समस्या से निजात मिल जाएगी।