वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध : अलविदा जुमा के नमाज के दौरान काली पट्टी बांधे मुस्लिम


रांची। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ काली पट्टी बांधकर विरोध का आह्वान किया है।
अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने मुसलमानों से रमजान के आखिरी शुक्रवार (जुमा तुल विदा) के दिन जुमे की नमाज़ के दौरान दाहिने हाथ पर काली पट्टी बांधकर वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया है। बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने एआईएमपीएलबी के सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर जारी वीडियो संदेश में कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी है। जुमा तुल विदा के पवित्र अवसर पर यह विरोध और प्रार्थना का दिन होगा।” यह आह्वान संसद की 31 सदस्यीय संयुक्त समिति द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपे जाने के बाद आया है। हालांकि अभी तक इस विधेयक को संसद में चर्चा के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इसे चालू बजट सत्र के दौरान पारित कराने का प्रयास किया जा सकता है।
समिति की रिपोर्ट और विवाद
समिति ने कई बैठकों और हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद विधेयक में कुछ संशोधन सुझाए हैं। हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने इस रिपोर्ट से अपना असहमति नोट दर्ज कराया है। समिति ने यह रिपोर्ट 30 जनवरी 2024 को पेश की थी।
वक्फ संशोधन विधेयक क्यों चर्चा में
इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियमन से जुड़े प्रावधानों में बदलाव करना है। एआईएमपीएलबी का मानना है कि यह संशोधन मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता को प्रभावित कर सकता है। इसी आशंका के चलते बोर्ड ने समुदाय से व्यापक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।
आगे की कार्रवाई
रमजान का यह आखिरी शुक्रवार (29 मार्च को) मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखता है। एआईएमपीएलबी ने इसे विधेयक के खिलाफ जनआकांक्षा दिखाने का अवसर बताया है। सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर चर्चा संसद के शेष सत्र में गर्मा सकती है।