
रांची। 7 नवंबर, 2025 – झारखंड के पुलिस इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा ने राज्य की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। यह नियुक्ति न केवल राज्य पुलिस बल में लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह उन लाखों महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है जो प्रशासनिक और सुरक्षा सेवाओं में अपना करियर बनाना चाहती हैं।
तदाशा मिश्रा 1994 बैच की एक अनुभवी आईपीएस अधिकारी हैं। पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के अनुरोध को स्वीकार किए जाने के बाद, राज्य सरकार ने देर शाम इसकी अधिसूचना जारी की। यह बदलाव झारखंड राज्य के गठन के 25 वर्षों बाद हुआ है, जिसने एक महिला अधिकारी को शीर्ष पद पर पहुँचाया है।
प्राथमिकताएं स्पष्ट: अनुसंधान और नागरिक-हितैषी पुलिसिंग
डीजीपी का पदभार संभालने के तुरंत बाद, तदाशा मिश्रा ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य ध्यान अनुसंधान को मजबूत बनाने और यह सुनिश्चित करने पर रहेगा कि अपराधियों को समय पर और प्रभावी ढंग से दंडित किया जाए।
“हमारा विशेष ध्यान अनुसंधान को मजबूत करने और मजबूत अभियोजन प्रणाली सुनिश्चित करने पर रहेगा ताकि अपराधियों को बिना किसी देरी के सज़ा मिल सके। पुलिस को जनता के प्रति मित्रवत चेहरा बनाए रखना होगा और हर नागरिक के साथ सम्मान से पेश आना होगा।”
— तदाशा मिश्रा, डीजीपी, झारखंड
एक लंबा और प्रतिष्ठित करियर
डीजीपी तदाशा मिश्रा इससे पहले गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने रांची की सिटी एसपी के साथ-साथ गिरिडीह और बोकारो जैसे महत्वपूर्ण जिलों में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी हैं। अपने लंबे करियर के दौरान, उन्होंने प्रशासनिक और फील्ड दोनों स्तरों पर अपनी मजबूत और संवेदनशील कार्यशैली की छाप छोड़ी है।
हालांकि, तदाशा मिश्रा का कार्यकाल छोटा होगा क्योंकि वह दिसंबर 2025 में सेवानिवृत्त होने वाली हैं, लेकिन इस संक्षिप्त अवधि में भी उनसे पुलिस व्यवस्था में सुधार, खास तौर पर महिलाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा पर विशेष जोर देने की उम्मीद है। उनकी नियुक्ति को राज्य में एक सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।





