अभियंता प्रमुख का पद खाली होने से पथ | जल व ग्रामीण विकास विभागों में बड़े टेंडर ठप्प


सरकारी अकुशलता का असर : बड़े टेंडर फंसे, ठेकेदारों के पैसे अटके, अभियंता प्रमुख की कमी से राज्य के विकास प्रोजेक्ट्स संकट में ।
Jharkhand : राज्य के तीन अहम विभागों—पथ निर्माण, जल संसाधन और ग्रामीण कार्य—में 5 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े टेंडरों के फाइनल होने पर रोक लगी हुई है। इसकी मुख्य वजह इन विभागों में अभियंता प्रमुख के पदों का लंबे समय तक खाली रहना है। इस स्थिति के चलते राज्य के विकास कार्यों पर गंभीर असर पड़ रहा है। अधिकारियों के अनुसार, अभियंता प्रमुख पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि, फिलहाल रिक्त पदों के कारण बड़े विकास कार्य अटके हुए हैं और स्थिति में तत्काल सुधार की आवश्यकता है।
पदों की रिक्तता की स्थिति
- पथ निर्माण विभाग: अभियंता प्रमुख के अलावा, केंद्रीय निरूपण संगठन (सीडीओ) के मुख्य अभियंता का पद भी रिक्त है।
- जल संसाधन विभाग: अभियंता प्रमुख-1 और अभियंता प्रमुख-2 के पद पिछले दो महीनों से खाली हैं।
- ग्राणीण विकास विभाग: अभियंता प्रमुख का पद कई महीनों से रिक्त है।
नियमों की बाधा
- नियमों के अनुसार, 5 करोड़ रुपये से अधिक के टेंडरों को फाइनल करने के लिए अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता वाली एक समिति का गठन जरूरी है। इस समिति में मुख्य अभियंता और विभाग के अंतरिम वित्त पदाधिकारी भी सदस्य होते हैं।
- अभियंता प्रमुख की अनुपस्थिति में इन बड़े टेंडरों को अंतिम रूप देना संभव नहीं हो पा रहा है।
- (संदर्भ के लिए: 25 करोड़ तक के टेंडर कार्यपालक अभियंता, 1 करोड़ तक के अधीक्षण अभियंता और 5 करोड़ तक के टेंडर मुख्य अभियंता फाइनल कर सकते हैं।)
गंभीर परिणाम
- विकास कार्य ठप्प: कई महीनों से बनी इस स्थिति के कारण राज्य के विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं और पहले से चल रहे कार्य भी धीमे पड़ गए हैं।
- सरकार के लिए चुनौती: रिक्त पदों को भरने में सरकार को उपयुक्त और योग्य अभियंताओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यह सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
- ठेकेदारों की दिक्कत: कई ठेकेदारों के भुगतान भी अटके हुए हैं, क्योंकि संबंधित कार्य फाइनल नहीं हो पा रहे हैं।
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