3 ओलंपकि खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया
रांची। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की आज (03 दिसंबर, शुक्रवार) 12 वीं पुण्यतिथि है। भारतीय हॉकी के कप्तान रहें ध्यानचंद की गिनती दुनिया के श्रेष्ठतम खिलाड़ियों में होती है। इलाहाबाद में जन्म लेने वाले इस महान खिलाड़ी ने 3 ओलंपकि खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यान चंद की 3 दिसंबर 1979 में मृत्यु बीमारी के कारण हो गई थी। 16 साल की उम्र में सेना में भर्ती प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। ध्यान चंद महज 16 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया था। वे सिर्फ देश के ही नहीं दुनिया के हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। वे 3 ओलंपिक गोल्ड मेडल और 400 से ज्यादा अंर्तराष्ट्रीय गोल किए।
देश का तीसरा सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड मिला
पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरूआत सन् 1926 में की और अपनी कप्तानी में उन्होंने सन् 1928, सन् 1932 और सन् 1936 में देश को स्वर्ण पदक हॉकी में जिताये थे। इस महान खिलाड़ी ने अपने खेल द्वारा सन् 1948 तक अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, इस समय उनकी आयु 42 वर्ष थी। मेजर ध्यानचंद चाहे खेल के मैदान में हो अथवा बाहर, वे हमेशा एक अच्छे इंसान रहे। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया जो कि हमारे देश का तीसरा सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड है।