
इंडिगो एयरलाइंस की लगातार उड़ान रद्दीकरण और देरी के चलते देशभर में यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पिछले चार दिनों में इंडिगो की 1,700 से ज़्यादा फ्लाइट्स रद्द हुईं, जिसके बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइन पर कड़ा रुख अपनाया है। DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर को शो-कॉज नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब मांगा है।
क्यों जारी हुआ नोटिस
DGCA ने कहा कि इंडिगो ने FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट) के नए नियमों के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की, जिससे बड़े पैमाने पर क्रू की कमी हो गई। नोटिस में DGCA ने कहा— “आपकी जिम्मेदारी में प्लानिंग, ओवरसाइट और रिसोर्स मैनेजमेंट में गंभीर चूक हुई है।” अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो प्रति उल्लंघन 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
नियमों में अस्थायी ढील
संकट बढ़ने पर DGCA ने इंडिगो की मांग पर
- रात की फ्लाइट ड्यूटी घंटों पर छूट दी
- जनवरी 2025 का वह सर्कुलर वापस लिया जिसमें छुट्टी को साप्ताहिक रेस्ट की तरह इस्तेमाल करने पर रोक थी
यह ढील 10 फरवरी 2026 तक लागू रहेगी, जिससे एयरलाइंस को क्रू रोटेशन सामान्य करने में मदद मिलेगी।
चार सदस्यीय कमिटी का गठन
DGCA ने एक चार सदस्यीय जांच कमिटी बनाई है जो इंडिगो के ऑपरेशनल संकट की समीक्षा करेगी।
साथ ही, बड़े एयरपोर्ट्स पर DGCA अधिकारियों को
- पैसेंजर हैंडलिंग
- एयरफेयर मॉनिटरिंग का निर्देश दिया गया है।
एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने भी सख्त कार्रवाई के संकेत दिए।
इंडिगो का जवाब
- 8 दिसंबर से उड़ानें कम की जाएंगी
- 10 फरवरी 2026 तक ऑपरेशन सामान्य हो जाएंगे
- यात्रियों को फुल रिफंड और कैंसलेशन वेवर मिलेगा
इसके बावजूद दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु एयरपोर्ट्स पर यात्रियों का विरोध प्रदर्शन जारी है।





