Lok Sabha Election 2024 : रांची से सुबोधकांत की बेटी यशस्वी सहाय लड़ेंगी चुनाव
गोड्डा से दीपिका पांडे का टिकट कटा, प्रदीप यादव चुनाव लड़ेंगे
रांची। Lok Sabha Election 2024 के लिए कांग्रेस ने रांची से उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। रांची लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्वी सहाय चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस की सीईसी की बैठक में रांची लोकसभा सीट को लेकर प्रत्याशी की घोषणा कर दी। अब यशस्वी का सीधा मुकाबला भाजपा के संजय सेठ से होगा। पहले इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का टिकट फाइनल माना जा रहा था। लेकिन झारखंड के सभी सीट में उम्मीदवार का एलान होने के बाद रांची सीट को होल्ड कर रख दिया गया था। कांग्रेस कमेटी ने बहुत मंथन करने के बाद आखिरकार सुबोधकांत की बेटी को टिकट दे ही दिया। फेज-6 में रांची में 25 मई को वोटिंग होंगे।
गोड्डा से दीपिका का टिकट कटा
वहीं, गोड्डा लोकसभा सीट से महगामा की विधायक दीपिका पांडे का टिकट गोड्डा से कट गया है। अब गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से दीपिका पांडे के जगह प्रदीप यादव चुनाव लड़ेंगे। दीपिका को गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से टिकट मिलने के बाद भारी विरोध हो रहा था। गोड्डा से अपर कास्ट के प्रत्याशी दिए जाने के बाद से पूरे गोड्डा में दीपिका का खुलकर विरोध होने लगा था। इसी विरोध के कारण आखिरकार कांग्रेस ने दीपिका का टिकट काटकर प्रदीप यादव को दे दिया। अब प्रदीप यादव का मुकाबला भाजपा के निशिकांत दुबे से होगा।
2019 में सेठ ने सहाय को हराया था
2019 के लोकसभा चुनाव में संजय सेठ ने सुबोधकांत सहाय को हराया था। अब इस सीट पर सेठ का मुकाबला किससे होगा। यह आज या कल पता चल जाएगा। सुबोधकांत सहाय देश के बड़े नेताओं में शुमार है। 2019 में संजय सेठ से मिली हार का बदला लेने के लिए सुबोधकांत सहाय ने पहले से ही कमर कस ली है। वे लगातार जनता के हर मुद्दों का हल निकालते रहे व उनके संपर्क में रहे। आपको बता दें कि रामटहल चौधरी यहां से पांच बार बीजेपी के सांसद रहे। लेकिन अब वही रामटहल चौधरी कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। सुबोधकांत यहां से 1989, 2004 और 2009 में सांसद रहे। वहीं, 2019 में संजय सेठ सांसद रहे।
रांची में कांग्रेस–बीजेपी में रही है टक्कर
रांची लोकसभा सीट शुरू से ही कांग्रेस व भाजपा के लिए टक्कर वाला रहा है। हालांकि ज्यादा बार बीजेपी के उम्मीदवार ने बाजी मारी है। रामटहल चौधरी ने 1991, 1996, 1998, 1999 के बाद 2014 में यहां बीजेपी का झंड़ा गाड़ने में कामयाबी पाई थी। साल 1989 में जनता दल के टिकट पर सुबोधकांत सहाय ने बाजी मारी थी। इसके बाद चौधरी लगातार चार बार (1991, 1996, 1998 और 1999) का चुनाव जीते थे। कांग्रेस के टिकट पर सुबोधकांत सहाय साल 2004 और 2009 का चुनाव जीते थे। 2019 में भाजपा के संजय सेठ सांसद बने थे।
कौन कहां से लड़ रहे चुनाव
गोड्डा : निशिकांत दुबे (बीजेपी) व प्रदीप यादव (कांग्रेस)
चतरा : कालीचरण सिंह (बीजेपी) व केएन त्रिपाठी (कांग्रेस)
कोडरमा : अन्नापूर्णा देवी (बीजेपी) व विनोद सिंह (भाकपा माले)
गिरिडीह : मथुरा महतो (जेएमएम) व चंद्रप्रकाश चौधरी (आजसू)
धनबाद : ढुल्लू महतो (बीजेपी) व अनुपमा सिंह (कांग्रेस)
सिंहभूम : गीता कोड़ा (बीजेपी) व जोबा मांझी (जेएमएम)
खूंटी : अर्जुन मुंडा (बीजेपी) व कालीचरण मुंडा (कांग्रेस)
लोहरदगा : समीर उरांव (बीजेपी) व सुखदेव भगत (कांग्रेस)
पलामू : विष्णुदयाल राम (बीजेपी) व ममता भूईयां (आरजेडी)
हजारीबाग : मनीष जायसवाल (बीजेपी) व जेपी पटेल (कांग्रेस)
राजमहल : ताला मरांडी (बीजेपी) व विजय हांसदा (जेएमएम)
दुमका : सीता सोरेन (बीजेपी) व नलिन सोरेन (जेएमएम)
रांची : संजय सेठ (बीजेपी) व यशस्वी सहाय (कांग्रेस)
जमशेदपुर : विद्युत बरन महतो (बीजेपी) व जेएमएम ने उम्मीदवार घोषित नहीं किए