9 माओवादियों को मार गिराय गया | 236 को गिरफ्तार किया गया | 267 को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा : डीजीपी
रांची। झारखंड में इस साल 16 मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने नौ माओवादियों को मार गिराया गया है। साथ ही एक केंद्रीय समिति के सदस्य और क्षेत्र कमांडरों सहित 236 को गिरफ्तार किया गया। यह बातें पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि पुलिस के बड़े पैमाने पर माओवाद विरोधी अभियानों के साथ-साथ राज्य की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर कम से कम 267 माओवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा। झारखंड सरकार राज्य में माओवादी समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। झारखंड पुलिस को माओवादियों के खिलाफ अपने अभियान में अभूतपूर्व सफलता मिली है। अभियान के परिणामस्वरूप इस वर्ष कुल 236 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक केंद्रीय समिति सदस्य, एक क्षेत्रीय समिति सदस्य, 4 जोनल कमांडर, 5 और 6 एरिया कमांडर शामिल हैं।
भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया
डीजीपी ने कहा कि 20 पुलिस हथियार, 10 नियमित हथियार, 75 देशी हथियार और माओवादियों द्वारा लेवी के रूप में एकत्र किए गए 8.42 लाख रुपए सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया। डीजीपी ने कहा कि बरामद हथियारों और गोला-बारूद में 9,162 कारतूस और 92 आईईडी शामिल हैं।
शीर्ष माओवादियों ने हथियार छोड़ दिए
उन्होंने कहा कि माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए बनाई गई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के भी सकारात्मक परिणाम आए हैं, क्योंकि 267 शीर्ष माओवादियों ने हथियार छोड़ दिए हैं। डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए 2023 में उग्रवादी समूहों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए साइबर मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि झारखंड में एक टोल फ्री साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू किया गया है। डीजीपी ने कहा कि 10,802 शिकायतों के आधार पर 4.13 करोड़ रुपए अवरुद्ध कर दिए गए और ठगे गए लोगों को इसे वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
780 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया
2022 से जून 2023 के बीच कुल 780 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, उनके पास से 1,469 मोबाइल फोन, 2226 सिम कार्ड, 576 एटीएम कार्ड, 27 लैपटॉप, क्लोन मशीन, स्वाइप कार्ड सहित बड़ी संख्या में सामान बरामद किए गए। गाड़ियां और करीब 30 लाख रुपये नकद।
उन्होंने कहा कि मानव तस्करी की रोकथाम के लिए सभी 24 जिलों में मानव तस्करी विरोधी इकाइयां स्थापित की गई हैं। झारखंड ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम (जेओएफएस) शुरू किया गया है, जिसके तहत अब तक कुल 1,29,148 मामले प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1,03,834 मामलों का निपटारा किया जा चुका है और 3,122 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है।
जल्द 112 डायल योजना शुरू होगी
झारखंड पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) परियोजना के तहत पुलिस (डायल 100), फायर (डायल 101) और एम्बुलेंस (डायल 108) सेवाओं को सफलतापूर्वक एकीकृत करके डायल 112 को लागू कर रही है। राज्य में किसी भी घटना और दुर्घटना की स्थिति में लोग 112 नंबर डायल करके चौबीसों घंटे पुलिस, अग्निशमन और एम्बुलेंस आदि जैसी आपातकालीन सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।