ग्रामीणों की आवाज रांची में गूंजी : झारखंड में डबल बुलडोजर भाजपा राज नहीं चाहिए
हेमंत सरकार जन वादे निभाइए
रांची। झारखंड जनाधिकार महासभा ने मंगलवार को अपनी 8 सूत्री मांगो को लेकर राजभवन के समक्ष धरना दिया। धरने में राज्य के विभिन्न जिलों से 2000 से अधिक लोग रांची पहुंचे और हेमंत सोरेन सरकार को अपूर्ण वादों और झारखंड से भाजपा को भगाने की ज़रूरत को याद दिलाए। धरने में आये लोगों के नारे “भाजपा हटाओ, झारखंड बचाओ” और “हेमंत सोरेन सरकार, जन मुद्दों पर वादा निभाओ” गूंजता रहा। मंथन ने कहा कि 2019 के विधान सभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन दल अपने घोषणा पत्र में अनेक जन मुद्दों पर कार्यवाई का वादा किए थे। पिछले 5 सालों में राज्य सरकार ने जन अपेक्षा अनुरूप कई काम किए है, लेकिन अनेक महत्त्वपूर्ण वादे अभी भी अपूर्ण है। वहीं, बिरसा हेमब्रम ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा राज्य की 22 लाख एकड़ गैर-मजरुआ व सामुदायिक जमीन को लैंड बैंक में डाल दिया गया था। बिना ग्राम सभा से पूछे, लैंड बैंक से जमीन का आवंटन विभिन्न सरकारी और निजी परियोजनाओं के लिए किया जा रहा है। झामुमो ने इसे रद्द करने का वादा किया था लेकिन इस पर सरकार चुप्पी साधी हुई है।
अबतक पेसा की नियमावली नहीं बनी
जेम्स हेरेंज ने कहा इसी प्रकार भूमि अधिग्रहण कानून (झारखंड) संशोधन, 2017 के तहत निजी व सरकारी परियोजनाओं के लिए बिना ग्राम सभा की सहमती व सामाजिक प्रभाव आंकलन के बहुफसलीय भूमि समेत निजी व सामुदायिक भूमि का जबरन अधिग्रहण हो रहा है। अजय एक्का ने कहा कि यह दुःख की बात है कि इस सरकार में भी संसाधनों और स्थानीय व्यवस्था पर पारंपरिक ग्राम सभा के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए पेसा की नियमावली नहीं बन पाई। वन अधिकारों पर संघर्ष करने वाले जौर्ज मनिपल्ली ने कहा कि राज्य सरकार वन पट्टों के आवंटन के बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन राज्य के हजारों निजी व सामुदायिक दावे लंबित हैं। सरकार ने घोषणा की थी कि 9 अगस्त 2024 को हर ज़िले में 100-100 सामुदायिक वन पट्टों का वितरण किया जाएगा, लेकिन आज तक एक भी नहीं हुआ है।
सरकार बच्चों को अंडा नहीं दे पा रही
ज्यां द्रेज़ ने कहा कि आदिवासी-दलितों के लिए फर्जी मामले और सालों तक जेल में विचाराधीन बन के बंद रहना भी एक बड़ी समस्या है। गठबंधन दलों ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि लंबे समय से जेल में बंद विचारधीन कैदियों को रिहा किया जाएगा। लेकिन इस पर किसी प्रकार की कार्यवाई नहीं हुई। धरने में लोगों ने आदिवासी-दलित बच्चों में व्यापक कुपोषण के मुद्दे को भी उठाया। सोमवती देवी ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने पांच सालो में कई बार घोषणा किया कि मध्याह्न भोजन और आंगनवाड़ी में बच्चों को रोज अंडे दिए जाएंगे। लेकिन पांच साल गुजर जाने के बाद भी सरकार बच्चों की थाली में अंडा नहीं दे पाई है।
राज्य में साम्प्रदायिकता फैलाने की कोशिश हो रही
राजनीतिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा की लगातार राज्य में साम्प्रदायिकता फ़ैलाने की कोशिश हो रही है। जनता तो डबल बुलडोज़र भाजपा राज नहीं चाहती है, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार को जन मुद्दों पर सच्चाई और प्रतिबद्धता के साथ कार्यवाई कर के जनता के संघर्ष का साथ देना होगा। धरने के अंत में झारखंड जनाधिकार महासभा ने मुख्यमंत्री के नाम संलग्न मांग पत्र दिया