रांची। झारखंड सरकार के 60-40 नियोजन नीति के खिलाफ झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन ने 10-11 जून को संपूर्ण झारखंड बंद किया गया है। रांची में बंद का असर दिखाई नहीं दिया। रांची के मेन रोड में बंद समर्थक नज़र नहीं आए। सुबह से लेकर शाम तक सबकुछ आमदिनों की तरह चलता रहा। सड़क पर गाड़ियां रेंगती नजर आईं। आमलोग आसानी से अपने रोजमर्रा का काम कर रहे। वहीँ, सुरक्षा की बात की जाए तो शहर के हर जगह पुलिस फोर्स को लगाया गया है। अल्बर्ट एक्का चौक में कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय और कोतवाली थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद अपने जवानों के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं। कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय ने News Box Bharat से बातचीत में कहा कि बंद के दौरान आपलोगों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। अगर बंद कराने वाले मेन रोड के सड़क पर उतरते हैं तो इनके खिलाफ सख्ती से निबटा जाएगा। आवश्यक व मेडिकल सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है।
नामकुम मे बंद समर्थक टायर जलाकर विरोध किए
60/40 नियोजन नीति के खिलाफ छात्र संगठनों के दो दिवसीय झारखंड बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा। शहरी क्षेत्र के मेनटाउन में बंद का असर दिखाई नहीं दिया तो, वहीं, बस स्टैंड और रांची टाटा मार्ग सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। सड़कों पर बंद समर्थक टायर जलाकर झारखंड बंद करवाते नजर आए रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के रामपुर में बंद समर्थकों ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था जिसे बाद में मौजूद पुलिसकर्मियों ने खदेड़ कर बंद समर्थकों को भगाया
11 बंद समर्थकों को नोटिस दिया गया है
बंदी से पहले नौ जून को पूरे झारखंड में प्रखंड व जिला मुख्यालय के चौक-चौराहाें से मशाल जुलूस निकाला गया था। रांची में भी जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से अलबर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला गया। इस बीच 11 बंद समर्थकों को सदर रांची अनुमंडल दंडाधिकारी ने नोटिस जारी किया है। सभी को 10 जून को स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है। जारी नोटिस में सरकार के विरुद्ध एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन एवं विधि व्यवस्था भंग करने का हवाला दिया गया है। यह बंद झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन की अगुवाई में बुलाया गया है। बंद को राज्य के विभिन्न आदिवासी-मूलवासी संगठनों का समर्थन प्राप्त है।