हजारों नम आंखों ने दी झारखंड के लाल को अंतिम विदाई | पंचतत्व में विलीन हुए झारखंड जगुआर के सब इंस्पेक्टर अमित
राजकीय सम्मान के साथ अमित कुमार तिवारी का अंतिम संस्कार किया गया
रांची। चाईबासा नक्सल हमले में शहीद हुए झारखंड जगुआर के सब इंस्पेक्टर अमित कुमार तिवारी पंचतत्व में विलीन हो गए। पलामू के पैतृक गांव तोल में राजकीय सम्मान के साथ अमित कुमार तिवारी का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सांसद विष्णुदयाल राम, आईजी राजकुमार लकड़ा, एसपी रिष्मा रमेशन, एएसपी ऋषभ गर्ग, एसडीपीओ सुरजीत कुमार समेत हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। अंतिम संस्कार से पहले अमित कुमार तिवारी के दर्शन के भारी भीड़ उमड़ी। अमित तिवारी का शव मंगलवार रात 2 बजे के करीब पलामू के नरेला थाना क्षेत्र के तोलरा स्थित पैतृक गांव पहुंचा। शहीद अमित तिवारी की अंतिम संस्कार तोलरा में कोयल नदी के तट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अमित तिवारी 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर थे और पिछले कुछ महीने से झारखंड जगुआर में तैनात थे।
चार दिन पहले जन्मे अपने बेटे का मुंह तक नहीं देख पाए
अमित तिवारी चार दिन पहले जन्मे अपने बेटे का मुंह तक नहीं देख पाए और दुनिया को अलविदा कह गए। स्वभाव से अमित बहेद ही मिलनसार व्यक्ति थे। मंगलवार की शाम रांची के जगुआर में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उसके बाद पार्थिव शरीर पलामू के लिए रवाना किया गया था। देर रात तक सैकड़ों की संख्या में पलामू के लोगों ने पार्थिव शरीर के दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी।
पिता पेशे से हैं किसान
चाईबासा के टोटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका जंगल में सोमवार देर रात सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार शहीद हो गए थे। 4 दिन पहले ही अमित की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया। अमित बेटे से मिल भी नहीं पाये, उन्होंने केवल मोबाइल में ही बेटे की तस्वीर देखी थी। अमित के पिता देवेंद्र तिवारी पेशे से किसान हैं। वहीं, चाचा निरंजन कुमार तिवारी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और झारखंड में ही तैनात हैं। अमित तिवारी के घर के कई सदस्य पुलिस सेवा में कार्यरत हैं।