कुख्यात अमन साहू का अंत : झारखंड पुलिस ने सवा पांच मिनट में खत्म किया आतंक का साम्राज्य


रांची। सोशल मीडिया पर एके-47 जैसे हथियारों की तस्वीरों से रौब जमाने वाले कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का अंत भी एक अपराधी की तरह हुआ। जिस आतंक के साम्राज्य को खड़ा करने में उसे सालों लगे, झारखंड पुलिस ने उसे महज सवा पांच मिनट में ध्वस्त कर दिया। सोमवार शाम रायपुर जेल से रांची ले जाए जा रहे अमन साहू को मंगलवार सुबह करीब 9:30 बजे पलामू के जंगल इलाके में उसके गुर्गों ने छुड़ाने की कोशिश की। गुर्गों ने एटीएस टीम के वाहन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और बम फेंके। अफरा-तफरी के बीच अमन ने एक जवान से इंसास राइफल छीनकर उसे गोली मार दी और जंगल की ओर भागने लगा। एटीएस टीम ने उसे रुकने की चेतावनी दी, मगर वह नहीं माना। जवाबी कार्रवाई में अमन वहीं ढेर हो गया। पुलिस के मुताबिक, पूरी घटना में सिर्फ 5 मिनट 15 सेकंड लगे।
क्या था प्लान
अमन को रायपुर से रांची सेंट्रल जेल शिफ्ट करने के दौरान पलामू के चैनपुर-रामगढ़ थाना बॉर्डर के पास जंगली इलाके में हमला हुआ। इसी दुर्गम रास्ते का फायदा उठाकर अमन के साथियों ने उसे छुड़ाने की साजिश रची थी। हमले के बाद अमन के गुर्गे जंगल में भागने में सफल रहे, लेकिन अमन का शव इंसास राइफल, खोखा, जिंदा कारतूस और बम के अवशेषों के बीच मिला।
पीछे क्या था मामला
अमन पर छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक व्यापारी पर फायरिंग और रांची में कोयला कारोबारी पर हमले का आरोप था। जब उसे एनआईए कोर्ट में पेश करने ले जाया जा रहा था, तो उसने कस्टडी से भागने की योजना बनाई। पुलिस का कहना है कि अमन को डर था कि पूछताछ में उसके बड़े राज खुल जाएंगे।
नोट: एटीएस के एक जवान को जांघ में गोली लगी, जिसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने घटनास्थल से फटे बम और हथियारों के सबूत जब्त किए हैं।