रांची। मनी लॉन्ड्रिंग की आरोपी झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से बेल नहीं मिला। पूजा सिंघल की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच में सुनवाई हुई। पूजा सिंघल की ओर से वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने बहस की। वहीं ED की ओर से ASG (असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल) एस वी राजू ने पक्ष रखा। पूजा सिंघल के अधिवक्ता ने कोर्ट से बेल देने का आग्रह किया, जिसका ED के अधिवक्ता ने पुरजोर विरोध किया। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने जमानत अर्जी पर अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तिथि निर्धारित कर दी।
2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया गया था
झारखंड के खूंटी जिले में हुई मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 6 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय की टीम के द्वारा आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनके करीबियों के दो दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन सिंह के आवास से कथित तौर पर 19 करोड़ से ज्यादा नगद रुपए की बरामदगी हुई थी। भारी मात्रा में नगद बरामदगी के बाद ईडी की टीम द्वारा 11 मई 2022 को आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया था।