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Wednesday, September 17, 2025
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देखें कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू का ‘नोटों का पहाड़’ । इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद मिले

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नोटों की संख्या इतनी अधिक थी कि मशीनों ने काम करना बंद कर दिया

रकम 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है

रांची। झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद ‘नोटों का पहाड़’ मिला। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धीरज साहू के ठिकानों पर कुल कितनी नकदी मिली है यह तो साफ नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि रकम 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है। नोटों से भरी एक अलमारी तो ऐसी मिली जिसे देखकर लगेगा कि यह किसी बैंक की तिजोरी है। कुल कैश कितना है यह अभी सामने नहीं आया है। नोटों की गिनती अभी जारी है। रांची और लोहरदगा स्थित सांसद के आवास समेत पांच ठिकानों पर बुधवार को इनकम टैक्स की छापेमारी में यह कैश बरामद किया गया है।

तीन बार के राज्यसभा सांसद

धीरज प्रसाद साहू मौजूदा समय में राज्यसभा के सांसद हैं। वह उद्योगपति राय साहब बलदेव साहू के बेटे हैं। धीरज रांची से लोकसभा सांसद स्वर्गीय शिव प्रसाद के भाई हैं। 23 नवंबर 1959 को छोटानागपुर में जन्मे धीरज का लोहरदगा में पैतृक आवास है। धीरज तीन बार के राज्यसभा सांसद हैं। वह पहली बार जून 2009 में राज्यसभा सांसद बने थे। जुलाई 2010 में दूसरी और 2018 में तीसरी बार वह उच्च सदन में पहुंचे। वह संसद की कई समितियों के सदस्य रहे हैं। साहू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1977 में कांग्रेस के छात्र संगठन एएसयूआई से की थी।

आयकर की छापा आज भी जारी

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े तीन राज्यों के आधा दर्जन ठिकानों पर बुधवार से शुरू हुआ आयकर की छापा आज भी जारी है। आयकर सूत्रों के मुताबिक ठिकानों से एक सौ करोड़ रुपए से अधिक की बरामदगी हुई है। कल तक 50 करोड़ रुपए तक के नोटों की गिनती पूरी हो चुकी थी, लेकिन नोटों की संख्या इतनी अधिक थी कि मशीनों ने काम करना बंद कर दिया। आज सुबह से ही गिनती चल रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक संबलपुर के कुछ बैंक अकाउंट को भी सीज कर लिया गया है।

शराब का बड़ा कारोबार

धीरज साहू के रिश्तेदारों के नाम पर ओडिशा में शराब का बड़ा कारोबार है। वहां की बौध डिस्टिलरी प्रा. लि. (बीडीपीएल) से जुड़े बलांगीर, रायगढ़ा व संबलपुर डिस्टिलरी प्लांट में भी आयकर अधिकारी पहुंचे और कागजातों की जांच-पड़ताल की। बीडीपीएल का जहां-जहां डिस्टिलरी और बॉटलिंग प्लांट हैं, हर जगह विभाग के अधिकारी दस्तावेज खंगाल रहे हैं। इसके अलावा रांची और लोहरदगा आवास पर भी टीम पहुंची, लेकिन वहां परिवार का कोई सदस्य नहीं मिला।

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