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विभाग ने झारखंड कर्मचारी आयोग को पत्र भेजा
रांची। झारखंड में 26 हजार प्रथमिक शिक्षकों यानी सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति होगी। प्राथमिक शिक्षा सचिव ने राज्य कर्मचारी आयोग को नियुक्ति के लिए अधियाचना भेज दी है। यह शिक्षक बनने वालों के लिए अच्छी खबर है। दूसरी ओर शिक्षकों की खुशी के बीच निराशा की भी खबर है, उन्हें आधा वेतन मिलेगा। यह आदेश शिक्षा विभाग क अधिकारियों ने दिया है।
सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति विभाग के अधिकारियों के सोच की उपज
सहायक शिक्षक के स्थान पर सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति करने का निर्णय शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सोच की उपज है। बता दें कि राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों, अल्पसंख्यक प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में इंटर प्रशिक्षित सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति होती रही है। ऐसे शिक्षकों का वेतनमान 9300 से 34800 ग्रेड पे 4200 के तहत करीब 45,500 वेतन मिलता है। शिक्षा विभाग ने सहायक शिक्षक के स्थान पर सहायक आचार्य के पद पर शिक्षक नियुक्ति करने का फैसला लिया है। अब इनका वेतनमान 5200 से 20200, ग्रेड पे 2400 निर्धारित किया गया है। उन्हें करीब 26,000 वेतन मिलेगा।
एक ही विद्यालय में 2 तरह का मिलेगा वेतन
एक ही विद्यालय में पहले से काम कर रहे शिक्षकों को 45,500 और अब नियुक्त होने वाले शिक्षकों को 26,000 वेतन से संतोष करना पड़ेगा।योगदान की तिथि से नहीं मिलेगा वेतनसहायक आचार्य के पद पर नियुक्त होने वाले शिक्षकों के लिए बुरी खबर है। प्राथमिक शिक्षा सचिव ने बिहार के समय से चली आ रही व्यवस्था को बदल दिया है। पुरानी व्यवस्था के तहत नियुक्त होने वाले शिक्षकों को योगदान की तिथि से वेतन का भुगतान होता रहा है। अब सहायक आचार्य के पद पर नियुक्त होने वाले शिक्षकों को 7 जून 2022 से प्रभावी सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति, प्रोन्नति एवं सेवाशर्त के लिए नियमावली 2022 के अनुसार नियुक्ति और वेतनमान का लाभ मिलेगा। प्रथम वेतन निर्धारण प्रपत्र अर्थात प्री-पोजिशन स्टेटमेंट के अनुमोदन के बाद ही वेतन मिलेगा।
शिक्षक संघ ने जताया विरोध
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने नई शिक्षक बहाली में वेतनमान घटाने पर आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि दिनोंदिन वेतनमान में बढ़ोतरी होती है कि कटौती। मात्र 26,000 के वेतन में नई नियुक्ति होने पर क्वालिटी और दक्ष शिक्षक की बहाली नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इतने कम वेतनमान में कोई भी आवेदक शिक्षक बहाल होना पसंद नहीं करेगा। नियुक्ति होने पर भी शिक्षा का स्तर क्या होगा, यह अनुमान लगाया जा सकता है। प्रारंभिक शिक्षा, शिक्षा की रीढ़ होती और उसमें कमी करना बुनियाद पर कटौती करने जैसा होगा।
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