रांची। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार (7.1.25) को कैबिनेट में 9 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने 24 फरवरी से 27 मार्च 2025 के बीच बजट सत्र के प्रस्ताव को मंजूरी दी। नए साल में हेमंत सोरेन कैबिनेट की ये पहली बैठक थी। कैबिनेट ने झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में वर्त्तमान आवश्यकतानुसार पदों के चिन्हितीकरण की स्वीकृति दी है। झारखंड के महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक (पुलिस बल प्रमुख) के चयन एवं नियुक्ति नियमावली-2024 के गठन की भी स्वीकृति दी गई।
इन प्रस्तावों को मिली हरी झंडी
- षष्ठम झारखंड विधानसभा का दूसरा बजट सत्र 24 फरवरी से 27 मार्च 2025 तक बुलाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
- प्रीबजट कार्यशाला के आयोजन के लिए वित्त नियमावली के नियम-235 को शिथिल करते हुए नियम-245 के तहत रांची के संत जेवियर कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सीमा अखौरी एवं उनकी टीम को मनोनयन के आधार पर नॉलेज पार्टनर के रूप में चयनित करने की स्वीकृति दी गई।
- झारखंड में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से देवघर जिले में नया एम्स स्थापित करने के लिए झारखंड सरकार एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (भारत सरकार) के साथ किए जाने वाले MoU प्रारूप की स्वीकृति दी गई।
- झारखंड के महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक (पुलिस बल प्रमुख) के चयन एवं नियुक्ति नियमावली-2024 के गठन की स्वीकृति दी गई।
- झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के आलोक में सदन प्रसाद (तत्कालीन प्रशाखा पदाधिकारी, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, झारखंड) फिलहाल सेवानिवृत्त को आर्थिक लाभ सहित भूतलक्षी प्रभाव से अवर सचिव कोटि के पद पर प्रोन्नति देने की की स्वीकृति दी गई।
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम- 1989 की संशोधित धारा-14 के प्रावधानों के तहत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1, नगर उंटारी (गढ़वा) के न्यायालय को विशेष न्यायालय पदभिहित (designated) करने की स्वीकृति दी गई
- झारखंड परिचारिका गैर-शैक्षणिक संवर्ग (नियुक्ति, प्रोन्नति एवं अन्य सेवाशर्त्त) नियमावली-2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।
- झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड तथा इसकी अनुषंगी कंपनियों में प्रबंध निदेशक एवं निदेशक के पदों पर नियुक्ति के लिए किए गए प्रावधानों में आंशिक संशोधन करने के प्रस्ताव पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई
- झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में वर्त्तमान आवश्यकतानुसार पदों के चिन्हितीकरण की स्वीकृति दी गई।
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