

रांची। राजधानी रांची में ग्रामीण विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से ‘ग्राम संसद – झारखंड चैप्टर कॉन्क्लेव 2025’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य नीति निर्माण में ग्रामीण स्तर पर लोगों की सक्रिय भागीदारी बढ़ाना और विकास योजनाओं को गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाना था। दिनभर चले इस सम्मेलन में राज्यभर से आए पंचायत प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और विशेषज्ञों ने ग्रामीण विकास से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “ग्राम संसद ग्रामीण लोकतंत्र का सबसे विश्वसनीय मंच है। जब तक नीतियों में गांव की आवाज शामिल नहीं होगी, विकास अधूरा रहेगा। झारखंड के हर गांव की महिलाएं, युवा और किसान इस बदलाव के स्तंभ बनें, यही हमारा उद्देश्य है।”
चर्चा के प्रमुख विषय
रांची के एक प्रतिष्ठित होटल में ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में कई सत्रों का आयोजन किया गया। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी अपने संबोधन में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया। चर्चा के केंद्र में ग्राम सभाओं की भूमिका, योजनाओं की निगरानी में समुदाय की भागीदारी, महिला सशक्तिकरण, युवा नेतृत्व और डिजिटल ग्राम संसद जैसे विषय शामिल रहे।
भविष्य की रूपरेखा
कार्यक्रम के अंत में यह संकल्प लिया गया कि ग्राम संसद का आयोजन अब झारखंड के सभी जिलों और प्रखंडों में नियमित रूप से किया जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्री ने प्रतिभागियों के सुझावों को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि इन्हें विधानसभा स्तर पर सरकार के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा, यह मंच सिर्फ चर्चा का नहीं, बल्कि समाधान और क्रियान्वयन का भी होगा।