रांची। ईडी ने सीएम हेमन्त सोरेन को दूसरा समन भेजा है। ईडी ने 18 अगस्त की शाम सीएम हेमंत सोरेन को दूसरा समन भेजा है। ईडी ने हेमंत सोरेन को 24 अगस्त को ईडी के रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है।इससे पहले 8 अगस्त को भी ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को समन भेजकर 14 अगस्त को उपस्थित होने को कहा था।
इससे पहले के समन में सीएम दे चुके हैं चुनौती
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को इससे पहले भेजे गए समन का जवाब पत्र के माध्यम से दिया था। सोमवार को सीएम ने ED के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा के नाम पत्र लिखा था। लिखा था कि उनको बेवजह समन भेजकर परेशान किया जा रहा है। अगर समन वापस नहीं लिया गया तो वह कानून का सहारा लेंगे। आपको बता दें कि ईडी ने 7 अगस्त को समन जारी कर 14 अगस्त को सीएम को एयरपोर्ट स्थित ED कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन सीएम नहीं पहुंचे। सीएम के पत्र के मुताबिक ईडी ने उनकी संपत्ति को लेकर बयान रिकॉर्ड करने के लिए 14 अगस्त को बुलाया था। उन्होंने लिखा है कि जिस तारीख को बुलाया गया था, उससे किसी तरह का आश्चर्य नहीं हुआ।झारखंड के लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की जा रही। सीएम ने असिस्टेंट डायरेक्टर को कोट करते हुए लिखा है कि आप और आपके पॉलिटिकल मास्टर अच्छी तरह जानते हैं कि मुख्यमंत्री को 15 अगस्त को ध्वजारोहण करना होता है। इसकी तैयारी एक सप्ताह पहले से शुरू हो जाती है। यह जानने के बावजूद 14 अगस्त को बुलाया गया। इससे साफ है कि जानबूझकर न सिर्फ उनकी बल्कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और झारखंड के लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को लिखे पत्र में सीएम ने केंद्र सरकार का भी जिक्र किया। पिछले 1 साल से केंद्र की सरकार तालमेल बनाने के लिए दबाव डाल रही है। ऐसा नहीं करने पर केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
क्या वह कागजात ईडी ऑफिस में गुम हो गए हैं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र के जरिए ईडी के तौर-तरीके पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं, उनका कहना है कि अवैध पत्थर खनन मामले में पिछले साल 17 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उस वक्त उन्होंने अपने और अपने परिवार की चल और अचल संपत्ति का सारा ब्यौरा भी दिया था। 30 नवंबर 2022 को अचल संपत्ति के डीड की सर्टिफाइड कॉपी मुहैया कराई गई थी। बैंक का डिटेल भी मुहैया कराया गया था। सीएम ने लिखा है कि क्या वह कागजात ईडी ऑफिस में गुम हो गए हैं, अगर आप दोबारा चाहेंगे तो भिजवा दिया जाएगा।
ईडी चाहे तो सीबीआई से रिपोर्ट ले सकती है
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को लिखे पत्र में सीबीआई पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लिखा है कि साल 2020 में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकपाल ने उनके पिता शिबू सोरेन की संपत्ति की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी थी। जांच के दौरान गैर कानूनी तरीके से सीबीआई ने उनकी अचल संपत्ति को भी खंगाला था। सीएम ने लिखा है कि ईडी चाहे तो सीबीआई से रिपोर्ट ले सकती है।चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिशमुख्यमंत्री ने लिख्रा यह एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है। समन में ऐसी किसी भी बात का जिक्र नहीं है जिससे मेरे खिलाफ संपत्ति को लेकर जांच की संभावना बनती हो। जहां तक संपत्ति की बात है तो इससे जुड़ी तमाम जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में समय-समय पर दी जाती रही है। सीएम ने कहा है कि अगर प्रवर्तन निदेशालय को किसी ऐसे कागजात की जरूरत है, जिसका जिक्र पूर्व में नहीं किया गया है तो वह मुहैया कराने को तैयार हैं। लिहाजा, एजेंसी को समन वापस लेना चाहिए नहीं तो वह कानून का सहारा लेने के लिए बाध्य होंगे।