

रांची। सीआरपीएफ ने एक पाकिस्तानी महिला से शादी छिपाने और उसके वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी उसे शरण देने के आरोप में अपने जवान मुनीर अहमद को बर्खास्त कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस कदम को “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक” बताया। मुनीर ने मार्च 2024 में मिनल खान नाम की पाकिस्तानी नागरिक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निकाह किया था, जिसके बाद उसने मिनल को टूरिस्ट वीजा पर भारत बुलाया। हालांकि, मिनल का वीजा 22 मार्च को समाप्त हो गया, लेकिन वह अवैध रूप से भारत में रहती रही। जम्मू के हंदवाला निवासी मुनीर अहमद सीआरपीएफ में 2017 में भर्ती हुए थे। उनके खिलाफ यह कार्रवाई सेना में अनुशासनात्मक प्रक्रिया और राष्ट्रीय सुरक्षा दिशानिर्देशों के उल्लंघन के आधार पर की गई है।
शादी से पहले अनुमति नहीं ली
सीआरपीएफ प्रशासन ने बताया कि 41वीं बटालियन के जवान मुनीर ने सेवा नियमों का उल्लंघन करते हुए शादी से पहले अनुमति नहीं ली और जानबूझकर तथ्य छिपाए। संगठन ने इस मामले को “गंभीर चिंता का विषय” बताते हुए उसे तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का आदेश दिया। साथ ही, मुनीर पर “देश की सुरक्षा के साथ समझौता” करने का आरोप लगाया गया।
मिनल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
दिलचस्प बात यह है कि मुनीर ने शादी से पहले सीआरपीएफ मुख्यालय से अनुमति मांगने के लिए आवेदन किया था, लेकिन बिना स्वीकृति के ही निकाह कर लिया। इसके बाद मिनल जम्मू-कश्मीर पहुंच गई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए जाने पर मिनल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने उसे 30 अप्रैल, 2025 तक भारत में रहने की अस्थायी राहत दी, जबकि मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होनी है।