

झारखंड में निकाय चुनाव जल्द से जल्द कराने की तैयारियां चल रही हैं। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जानकी यादव ने हजारीबाग में यह जानकारी देते हुए बताया कि ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया प्रगति पर है।
Municipal Elections : झारखंड में नगर निकाय चुनाव (Jharkhand Municipal Elections) को लेकर हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से इन चुनावों में बार-बार देरी हो रही है। मुख्य रूप से ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के लिए आवश्यक ट्रिपल टेस्ट और प्रशासनिक तैयारियों में कमी के कारण यह देरी हो रही है। झारखंड में निकाय चुनाव जल्द से जल्द कराने की तैयारियां चल रही हैं। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जानकी यादव ने हजारीबाग में यह जानकारी देते हुए बताया कि ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया प्रगति पर है। यादव ने बताया कि हजारीबाग में इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई और पहले ही 5 वार्डों का भौतिक सत्यापन (मौके पर जांच) पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा मतदाता सूची जारी कर दी गई है और उसकी जांच चल रही है। जांच में जाति वर्ग सहित सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। आयोग बहुत शीघ्र अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपेगा। यह रिपोर्ट इसलिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि इस बार निकाय चुनावों में ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) को आरक्षण मिलना है। उम्मीद जताई गई है कि राज्य में नवंबर-दिसंबर तक निकाय चुनाव संपन्न हो जाएंगे।
विकास के लिए जरूरी चुनाव
जानकी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार की मंशा स्पष्ट है कि विकास योजनाओं को जमीन पर उतारा जाए। इस लक्ष्य के लिए निकाय चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। चुनाव न हो पाने से विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के 15 जिलों में दौरे चल रहे हैं, जहां संबंधित बैठकें होंगी और भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
झारखंड में 48 नगर निकाय
झारखंड में कुल 48 नगर निकाय हैं, जिनमें 9 नगर निगम, 19 नगर परिषद और 20 नगर पंचायत शामिल हैं। इनमें से कई निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो चुका है, और कुछ में 2020 से ही चुनाव लंबित हैं। वर्तमान में ये निकाय प्रशासकों के माध्यम से संचालित हो रहे हैं, जिसके कारण जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। अप्रैल 2023 तक सभी 48 नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया था, और नया चुनाव 27 अप्रैल, 2023 तक कराया जाना चाहिए था। हालांकि, ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण चुनाव टल गए।
झारखंड हाईकोर्ट ने क्या कहा था
झारखंड हाई कोर्ट ने जनवरी 2024 में सरकार को तीन सप्ताह के भीतर चुनाव की तारीख घोषित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि समय पर चुनाव न कराना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। इसके बावजूद, ट्रिपल टेस्ट और अन्य तैयारियों के अभाव में यह आदेश लागू नहीं हो सका। जनवरी 2025 में, हेमंत सोरेन सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि अगले चार महीनों में ( मई 2025 तक) नगर निकाय चुनाव करा लिए जाएंगे। हालांकि, मतदाता सूची को अपडेट करने में देरी और ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया अभी भी बाधा बनी हुई है।
ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए ट्रिपल टेस्ट
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए ट्रिपल टेस्ट अनिवार्य है। यह टेस्ट सामाजिक, शैक्षणिक, और आर्थिक पिछड़ेपन का आकलन करता है और इसके आधार पर आरक्षण का प्रतिशत तय किया जाता है। झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को सौंपी है। आयोग ने मध्य प्रदेश की तर्ज पर ट्रिपल टेस्ट कराने की अनुशंसा की है, लेकिन प्रक्रिया शुरू होने में देरी हुई क्योंकि आयोग के अध्यक्ष का पद लंबे समय तक खाली रहा।