बीते 23 जुलाई को 14 वर्षीया छात्रा मनीषा मालतो की मौत हो गई थी
रांची। पाकुड़ जिले के आवासीय मिशन स्कूल की छात्रा मनीषा मालतो की मौत के 5 दिनों बाद उसका शव शुक्रवार को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कब्र से निकाला गया। लबदा घाटी स्कूल की 2 अन्य छात्राओं का बीते 5 दिनों से हॉस्पिटल में इलाज च\ल रहा है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि तीनों छात्राएं अचानक बीमार हो गई थीं। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया। दूसरी तरफ छात्राओं के माता-पिता का कहना है कि तीनों किन परिस्थितियों में बीमार हुईं, इसके बारे में उन्हें साफ तौर पर कुछ नहीं बताया गया। उन्होंने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप मढ़ा है। तीन छात्राएं आदिम पहाड़िया जनजाति की हैं। इलाज के दौरान बीते 23 जुलाई को 14 वर्षीया छात्रा मनीषा मालतो की मौत हो गई थी। शव को एक प्राइवेट गाड़ी से उसके गांव पहुंचा दिया गया। बगैर पोस्टमार्टम उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतका की लाश कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए दुमका मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
पिता ने कहा, बेटी से मिलने नहीं दिया गया
मृतक मनीषा के पिता मैसा पहाड़िया ने आरोप लगाया कि जब उनकी बेटी का इलाज चल रहा था तब उसे मिलने नहीं दिया गया और 23 जुलाई को उन्हे बेटी का शव सौंप दिया गया। पहाड़िया नेता सिमोन मालतो ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब बच्ची की मौत हो गई थी तो बरहेट थाना प्रभारी और रांगा थाना प्रभारी हॉस्पिटल में मौजूद थे, तो क्यों शव का पोस्टमार्टम नही कराया गया। जिन दो अन्य छात्राओं सेविका मालतो और रेबिका मालतो का इलाज चल रहा है, उनकी हालत में अब सुधार बताया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि तीनों प्वाइजनिंग की शिकार हुई हैं। संभवतः उन्हें किसी जहरीले जीव ने काटा है। उन्हें एंटी वेनम दिया गया है। एसडीओ हरिवंश पंडित ने कहा कि मृत बच्ची का पोस्टमार्टम नहीं कराना स्कूल प्रबंधन की लापरवाही है। अब उसका शव कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।