मुद्रास्फीति की नरमी के कारण आरबीआई नीतिगत रेपो दर को अपरिवर्तित रखता है
रांची। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 3-3 के बाद मौद्रिक नीति वक्तव्य पढ़ने के दौरान घोषणा की कि बैंक अब रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड जारी कर सकेंगे। यह वर्ल्ड पर रुपे (RuPay) की पहुंमच व स्वीकृति का विस्तार होगा। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत में बैंकों के द्वारा जारी रुपे डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड विदेशों में अधिक स्वीकार्यता प्राप्त कर रहे हैं। अब बैंकों द्वारा रुपे प्रीपेड पॉरेक्स कार्ड जारी करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। इससे विदेशी यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए भुगतान विकल्पों का विस्तार होगा। इसके अलावा रुपे कार्ड विदेशी न्यायालयों ने जारी करने के लिए सक्षम होंगे। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। रेपो दर वह ब्याज दर है जिसपर आरबीआई अन्य बैंकों को उधार देता है।
मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट (वर्तमान में 18 महीने के निचले स्तर) व इसके आैर गिरवाट की संभावना ने केंद्रीय बैंक प्रमुख ब्याज दर फिर से ब्रेक लगाने के लिए प्रेरित किया हो सकता है। अधिका्ंश विश्लेषकों ने उम्मीद की थी कि आरबीआई रेपो दर को अपरिवर्तित रखना जरूरी है। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं सहित कई देशों के लिए मुद्राास्फीति एक चिंता का विषय है। लेकिन भारत अपने मुद्रास्फीति प्रक्षेपवक्र को काफी अच्छी तरह से चलाने में कामयाब रहा। आरबीआई ने अपनी अप्रैल की बैठक में 2023-24 में पहली बार, रेपो दर को दिया था। आईबीआई को उम्मीद है कि जीडीपी दृष्टिकोण आने पर भारत की 2023-24 जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत, तिमाही पहली तिमाही में 8.0 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.0 प्रतिशत व 5.7 प्रतिशत होगीष