
रांची। बीते दिनों झारखंड पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कई एक्शन लिए हैं, जिनमें कई एनकाउंटर भी शामिल हैं। इन कार्रवाइयों की वजह से कुछ लोग अब पुलिस को ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ कहने लगे हैं। खास बात यह है कि हाल ही में पुलिस ने कई अपराधियों को पैरों में गोली मारकर अपाहिज बना दिया है। मंगलवार को पुलिस हेड क्वार्टर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आईजी अभियान डॉ माइकल राज ने कहा कि नक्सलवाद पर काबू पाने के बाद अब उनका फोकस शहरी इलाकों में कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने पर है। उन्हें अपराधियों की सटीक जानकारी मिल रही है और अगर कोई अपराधी पुलिस पर फायरिंग करेगा, तो पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी ही पड़ेगी। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस ने कई हथियार भी बरामद किए हैं। 2 महीने में झारखंड पुलिस ने क्या क्या कार्य किए उसकी रिपोर्ट पेश की गई।
क्या हुआ पिछले एक हफ्ते में
- 10 अक्टूबर: रांची के रातू इलाके में पुलिस और राहुल दुबे गिरोह के अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुई। अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस ने दो अपराधियों के पैर में गोली मारी। चार अपराधी पकड़े गए और आठ पिस्टल समेत कई हथियार बरामद हुए।
- 13 अक्टूबर: रांची में ही एक दिन में दो अलग-अलग मुठभेड़ें हुईं।
- पहली मुठभेड़ सुजीत सिन्हा गिरोह के साथ हुई, जिसमें आफताब नाम का अपराधी पैर में गोली लगने से घायल हुआ।
- दूसरी मुठभेड़ आलोक गिरोह के साथ हुई, जिसमें प्रभात कुमार राम के पैर में गोली लगी।
- 14 अक्टूबर: धनबाद में कुख्यात अपराधी भानु मांझी ने पुलिस पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे भी पैर में गोली मारकर घायल कर दिया।
इस साल हुए दो बड़े एनकाउंटर
इस साल पुलिस ने दो बहुत खतरनाक अपराधियों को एनकाउंटर में मार भी गिराया है:
- अमन साहू (11 मार्च): जब पुलिस उसे रायपुर जेल से रांची ला रही थी, तब उसके साथियों ने पुलिस पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में अमन साहू मारा गया। इस घटना में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ।
- उत्तम यादव (20 सितंबर): इस कुख्यात अपराधी को चतरा जिले में मुठभेड़ में मार गिराया गया। उस पर बिहार सरकार ने 50,000 रुपये का इनाम रखा था और वह एक गिरोह चलाता था।