यति नरसिंहानंद मामला : जमीयत उलमा-ए-हिंद का कड़ा विरोध | मुस्लिम समुदाय में भारी आक्रोश
रांची। जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने गाज़ियाबाद पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर यति नरसिंहानंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पैगंबर मोहम्मद (PBUH) के खिलाफ आपत्तिजनक बयान से मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है। इसके अलावा दिल्ली के आईपीएस थाने में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद असद मदनी के निर्देश पर जमीअत उलमा ए हिंद के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी की अगुवाई में गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्हें एक ज्ञापन सोपा गया, जिसमें महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। नरसिंहानंद पर आरोप है कि उन्होंने पैगंबर इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब की शान में आपत्तिजनक बयान दिए हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय में भारी आक्रोश है। दूसरी ओर शाम को जमीयत के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली की आईपीएस थाना में भी शिकायत दर्ज करवाई. इस प्रतिनिधिमंडल में मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के अलावा कई दिगर मौलाना मौजूद थे।
2 साल पहले नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया गया था
मौलाना कासमी ने गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर के सामने मुस्लिम समुदाय की भावनाओं ता प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि नरसिंहानंद के अपमानजनक बयानों ने मुस्लिम समुदाय के दिलों की गहरी चोट पहुंचाई है। उन्होंने याद दिलाया कि नरसिंहानंद को 2 साल पहले भी भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था। शर्त यह थी कि वह फिर से ऐसे बयान नहीं देगा। लेकिन उसने लगातार इन शर्तों का उल्लंघन किया है। मौलाना कासमी ने जोर देकर कहा कि इस बार नरसिंहानंद ने पैगंबर इस्लाम की शान में अपमान करके सारी हदें पार कर दी है जो बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
कठोर कार्रवाई करने की मांग
कासमी ने पुलिस से मांग की की भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 79, 196 (ए) 197 (सी) और डी 299, 302 और 352 के तहत कठोर कार्रवाई की जाए। ताकि अपराधी को उसके अपराध की सजा मिल सके। जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के आईपीएस थाना में भी शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि नरसिंह आनंद को 17 फरवरी 2022 को भड़काऊ भाषण देने के मामले में इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वह भविष्य में नफरत फैलाने वाले बयान नहीं देगा। लेकिन इसके बाद उसने कई बार मुस्लिम के खिलाफ धमकी भरे बयान दिए हैं। इस बार उसने सारी हदें पार कर दी है और ऐसे अपराधी को जमानत पर छोड़ना अन्याय होगा। एडवोकेट आकिब बेग ने यह भी बताया कि गाजियाबाद में जो एक एफआईआर दर्ज हुई है उसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है जो पर्याप्त नहीं है। क्योंकि इससे अपराधी को बच निकलने का मौका मिल सकता है। उन्होंने मांग की कि उपरोक्त धाराओं के तहत भी एफआईआर दर्ज की जाए। इस बीच जमीयत उलमा-ए-हिंद के कानूनी मामलों के प्रभारी मौलाना नियाज अहमद फारूकी लगातार वकीलों से संपर्क में है ताकि इस मामले में कानूनी कार्रवाई जारी रखी जा सके।
धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज
गाजियाबाद के सिहानीगेट थाना क्षेत्र में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ एक नई एफआईआर दर्ज की गई है। मामला धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में दर्ज किया गया है। महंत पर आरोप है कि उन्होंने एक कार्यक्रम में ऐसा बयान दिया, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर की कॉपी को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किया। शिकायत के अनुसार, 29 सितंबर 2024 को गाजियाबाद के लोहियानगर स्थित हिंदी भवन में एक सेवा संस्थान की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती भी उपस्थित थे। आरोप है उन्होंने वहां अपने वक्तव्य में धर्म विशेष के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की, जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया। 3 अक्टूबर 2024 को यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया थ। सिहानीगेट थाने के पुलिस अधिकारी त्रिवेन्द्र सिंह ने खुद इस वायरल वीडियो को देखा। इसके बाद उन्होंने इस बयान को धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला पाया और इसको लेकर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने इस मामले में धार्मिक भावनाओं को आहत करने की भारतीय न्याय संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है।