रांची। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड में कार्यरत उर्जा मित्र (उर्जा साथी) स्थाईकरण करने को लेकर गुरुवार की सुबह सीएम हेमंत सोरेन के आवास पहुंचे। पूरे झारखंड से आए उर्जा मित्र सीएम से मिलने को लेकर गेट के बाहर खड़े रहे। लेकिन उर्जा मित्र सीएम से मिल नहीं सके। बाद में सीएम के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार उर्जा मित्र से मिले। अविनाश कुमार ने बताया कि आपलोगों का फाइल आगे बढ़ गया है। आपलोग सचिवालय जाकर पूरी जानकारी हासिल कर ले। इसके बाद सभी उर्जा मित्र सचिवालय पहुंचे। बता दें कि उर्जा मित्र झारखंड के सभी सब डिवीजन के (शहरी व ग्रामीण) क्षेत्रों में विद्युत विपत्रीकरण व मीटर रिडिंग का कार्य 10-15 वर्षों करते आ रहे हैं। लगभग 6500 के आसपास उर्जा साथी एजेंसी के द्वारा कार्य कर रहे हैं। इन्हें 3000 से 4000 महीने मिलता है। कम राशि मिलने के कारण उर्जा मित्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही समय पर ये पैसा भी इन उर्जा मित्रों को नहीं मिलता।
add a comment