खास बातचीत : ED को कांग्रेस के पूर्व नेता अफसर खान ने कहा- दूर दूर तक डॉ इश्तियाक अहमद से कोई वास्ता नहीं | वह मेरे अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के रूप में था
रांची। रांची महानगर कांग्रेस के पूर्व नेता व बरियातू स्थित लेक व्यू अस्पताल के डायरेक्टर अफसर खान उर्फ बबलू सोमवार को ईडी के समन पर जोनल ऑफिस पहुंचे। अफसर खान सुबह 10.15 बजे ईडी कार्यालय पहुंच गए। ईडी ने समन जारी कर अफसर खान को ईडी कार्यालय बुलाया था। बता दें कि 22 अगस्त 2024 को झारखंड एटीएस व दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने झारखंड में छापेमारी कर अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) से जुड़े मामले पर करवाई करते हुए रांची, लोहरदगा, हजारीबाग सहित 14 जगहों पर छापेमारी कर 8 लोगों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इस गिरफ्तारी में लेक व्यू अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉ इश्तियाक अहमद भी शामिल थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डॉ इश्तियाक अहमद व चान्हो के रहने वाले मुफ्ती रहमतुल्लाह तो ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले गई है। इसी कड़ी में डॉ इश्तियाक अहमद को लेकर अफसर खान को ईडी कार्यालय बुलाया गया था।
जो जानकारी मांगे सब दे दिए
अफसर खान ने खास बातचीत में बताया कि ईडी ने डॉ इश्तियाक अहमद को लेकर कई सवाल पूछे, जिसकी जानकारी मैने लिखित में दे दी। उन्होंने बताया कि मेरे अस्पताल में डॉ इश्तियाक अहमद 2017 से जुड़े थे। चूंकि मेरे अस्पताल का लाइसेंस डॉ निखत के नाम में था। अचानक डॉ निखत ने अपना लाइसेंस कैंसिल कर दिया। इसके बाद डॉ इश्तियाक अहमद मुझसे संपर्क कर अपना लाइसेंस सदर अस्पताल में देकर मेरे अस्पताल से जुड़ गए। इससे पहले डॉ इश्तियाक अहमद मेंदाता, राज अस्पताल, मेडिका, पल्स में काम कर चुके थे।
डॉ इश्तियाक कैश लेकर काम करते थे
ईडी ने डॉ इश्तियाक अहमद के पैसे व अकाउंट को लेकर मुझसे सवाल किए। अफसर खान ने जवाब में कहा कि मेरा किसी तरह का डॉ इश्तियाक अहमद के साथ अकाउंट में लेनदेन नहीं था। वह मेरे अस्पताल में पेशेंट देखने के एवज में कैश पैसा लेता था। इश्तियाक को एक मरीज पर अस्पताल 600 रूपए देता था। अफसर ने कहा कि इतने लंबे समय में मेरा उससे फोन पर बहुत ही कम बात होता था। जो भी बात फोन पर होती थी वो मरीज को लेकर ही होती थी। न मेरा कभी उससे व्हाट्सएप या किसी आैर भी चीज से संपर्क रहा। अस्पताल से जुड़ा था, लेकिन कभी भनक तक नहीं लगी कि वह आतंकी संगठन से जुड़ा था।
प्रॉपटी की जानकारी दिए
अफसर खान ने कहा कि अस्पताल को लेकर मैने बताया कि हजारीबाग के व्यक्ति से जमीन खरीदा था। इसके बाद बैंक से लोन व एक फ्लैट बेचकरर अस्पताल खड़ा किया। शुरू में अस्पताल में बहुत ही कम समान थे। अस्पताल से ही कमाकर धीरे-धीरे समान खरीदे। शुरू में न आईसीयू या डायलेसिस था, बाद में इसे पूरा किया गया। मेरे पास जो भी बैंक अकाउंट में पैसे व जमीन या अन्य जो भी प्रॉपटी है उसकी सारी जानकारी ईडी को दिए। अफसर खान ने कहा कि ईडी का व्यवहार बहुत ही अच्छा रहा। ईडी ने कहा कि हो सकता है मुझे फिर से बुलाया जा सकता है। इसपर मैने कहा कि जब भी बुलाएंगे मैं हाजिर हो जाऊंगा।
मुझे बदनाम करने का कोशिश किया गया
अफसर खान ने कहा कि जब डॉ इश्तियाक अहमद को गिरफ्तार किया गया तो मीडिया में मेरा भी नाम गलत तरीके से पेश किया गया। मुझे भी अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट से जोड़ने का प्रयास किया गया। जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो मैं बहुत ही आहत हो गया। उन्होंने कहा कि डॉ इश्तियाक अहमद मेरे अस्पताल से पहले कई अस्पताल में काम किए। लेकिन मीडिया मेरे पीछे ही पड़ गई।
डॉ इश्तियाक ने रिम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई की
आतंकी संगठन ‘अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट’ (एक्यूआईएस) के लिए झारखंड मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे डॉ इश्तियाक अहमद की गिरफ्तारी के बाद उसके राज एक-एक करके बाहर आ रहे हैं। वह बतौर रेडियोडायग्नोसिस कंसल्टेंट के तौर पर पिछले कई वर्षों से रांची के कई अस्पताल में अपनी सेवा दे चुका है। एटीएस की कार्रवाई के बाद 22 अगस्त को ही मेडिका प्रबंधन ने डॉ इश्तियाक अहमद को टर्मिनेट कर दिया था। डॉ इश्तियाक ने रिम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई की। उसके बाद रिम्स, रांची से ही रेडियोलॉजी में एमडी की डिग्री हासिल की।