चुनावी मोड में झारखंड : हेमंत सोरेन आज बिरसा मुंडा को नमन करेंगे फिर अपने आवास में पार्टी कार्यकर्ताओं को मैसेज देंगे
रांची। झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन शनिवार (29 जून) को दिन के 1 बजे बिरसा चौक स्थित बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद 2 बजे से अपने आवास पर एक सभा करेंगे, जिसमें पार्टी के नेता व कार्यकर्ता शामिल रहेंगे। बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज़मानत दे दी। इसके बाद वे जेल से बाहर आ गए। जेल से निकलने के बाद हेमंत सीधे अपने पिता शिबू सोरेन के आवास पहुंचे। हेमंत ने अपने पिता व मां से आशीर्वाद लिया। हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद अब 2024 झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को बल मिलेगा। साथ ही हेमंत के चहरे पर चुनाव भी लड़ा जाएगा। कहा जा सकता है की अब इंडिया गठबंधन पूरी तरह से चुनावी रंग में आ गया है।
मनगढंत कहानी बनाकर जेल में 5 महीने तक रखा गया
हेमंत सोरेन ने कहा कि एक मनगढंत कहानी बनाकर जेल में 5 महीने तक रखा गया। देश के अलग-अलग हिस्सों में जो लोग भी इस सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उन्हें जेल में बंद किया जा रहा है। सोरेन ने कहा कि जो किया जा रहा है, वो भी पूरे देश में किसी से छिपा नहीं है। एक मनगढंत कहानी बना कर मुझे पांच महीने तक जेल में रखा गया। इसी प्रकार देश के अलग-अलग हिस्सों में कहीं पत्रकार बंद हैं, कहीं सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने वाले लोग बंद हैं, आवाज को कुचला जा रहा है, दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में बंद हैं, कई मंत्रियों को जेल में डाला जा रहा है।
मैं फिर अपने राज्य की जनता के बीच हूं
न्याय की प्रक्रिया इतनी लंबी हो रही है कि दिन-महीने नहीं सालों लग रहे हैं। जो लोग शिद्दत के साथ देश समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं उनके काम में बाधा डाली जा रही है। उन्होंने कहा कि मैं फिर अपने राज्य की जनता के बीच हूं। जो संकल्प हमने लिया है उसे हम मकाम तक ले जाने का काम करेंगे। मुझे लगता है कि ये पूरे देश के लिए एक संदेश है, किस तरह से हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। कोर्ट का आदेश आपको देखने को मिलेगा, किन बातों को उजागर किया गया है, वो भी देखने को मिलेगा। जो भी न्यायालय का आदेश है, उसका आप अच्छे से आकलन करें।
हेमंत सोरेन कथित अपराधों के लिए दोषी नहीं है
28 जून 2024 को झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया सबूतों को देखते हुए ये मानने के कारण हैं कि हेमंत सोरेन कथित अपराधों के लिए दोषी नहीं हैं। कोर्ट ने कहा, यह ध्यान देने योग्य है कि भानु प्रताप प्रसाद के परिसर से बरामद कई रजिस्टरों और रेवेन्यू रिकॉर्ड में याचिकाकर्ता (हेमंत सोरेन) या उनके परिवार के सदस्यों का नाम नहीं है। अगर व्यापक संभावनाओं पर भी जाएं तो स्पेसिफिक या अप्रत्यक्ष रूप से याचिकाकर्ता शांति नगर, बारागैन, रांची में 8.86 एकड़ भूमि के अधिग्रहण और कब्ज़े में शामिल नहीं लगते और ना ही ‘अपराध से की गई आय’ को छिपाने में शामिल दिखते हैं। किसी भी रजिस्टर/रेवेन्यू रिकॉर्ड में उक्त जमीन के अधिग्रहण और कब्जे में याचिकाकर्ता की प्रत्यक्ष भागीदारी का कोई ज़िक्र नहीं है। इस कोर्ट में दर्ज किए गए निष्कर्षों के आधार पर इस अदालत ने पाया है कि पीएमएलए की धारा 45 की शर्त पूरी करते हुए ये मानने का कारण हैं कि याचिकाकर्ता कथित अपराध का दोषी नहीं हैं, इसलिए याचिकाकर्ता को 50,000 के जमानत बांड के साथ जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है। सोरेन की जमानत बॉन्ड पीएमएलए की विशेष जज राजीव रंजन के सामने पेश की गई है और वो जेल से बाहर आए।