19 नहीं अब 3 जुलाई से रातू रोड फ्लाईओवर में सरपट दौड़ने लगेंगी गाड़ियां | गडकरी के हाथों होगा उद्घाटन


केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी रांची पहुंचकर फ्लाईओवर का उद्घाटन करेंगे।
Ratu Road Flyover : रातू रोड फ्लाईओवर का लोकार्पण अब 3 जुलाई को होगा, न कि पहले तय 19 जून को। एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने इस तारीख में बदलाव की पुष्टि की है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस दिन रांची पहुंचकर फ्लाईओवर का उद्घाटन करेंगे और झारखंड में एनएचएआई की अन्य परियोजनाओं की समीक्षा भी करेंगे। इस अतिरिक्त समय का सदुपयोग करते हुए एनएचएआई अधिकारी फ्लाईओवर पर अंतिम काम पूरे कर रहे हैं। परियोजना निदेशक एकता कुमारी के अनुसार, फ्लाईओवर के दोनों ओर शोर अवरोधक (नॉइज बैरियर) लगाए जा रहे हैं, ताकि आस-पास के इलाकों में वाहनों का शोर न पहुंचे। इसके अलावा, पीवीआर ग्रिल (सुरक्षात्मक जाली) का काम भी चल रहा है। 3 जुलाई से फ्लाईओवर पर यातायात शुरू होने पर इस रूट पर चलने वाले लोगों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। फिलहाल, यह सुविधा पाने के लिए रांची के निवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
राजभवन सुरक्षा का विशेष इंतजाम:
फ्लाईओवर का रैंप नागा बाबा खटाल के पास राजभवन के दक्षिणी गेट के समीप स्थित है। राजभवन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहाँ बुलेटप्रूफ बैरियर लगाया गया है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया है कि फ्लाईओवर से गुजरने वाले वाहनों का शोर राजभवन तक न पहुंचे।
फ्लाईओवर की प्रमुख बातें:
- लंबाई: 3.57 किलोमीटर
- निर्माण शुरू: नवंबर 2022
- पूर्व लक्ष्य: जनवरी 2025 (तकनीकी कारणों से विलंब)
- लागत: लगभग 400 करोड़ रुपये (निर्माण + भूमि अधिग्रहण)
- रैंप स्थान: नागा बाबा खटाल (राजभवन के निकट), पिस्का मोड़ पर दो हिस्सों में विभाजित (एक हेहल के पास, दूसरा इटकी रोड पर 800 मीटर आगे)।
- खंभे: कुल 101 पिलर।
- निर्माणकर्ता: केसीसी बिल्डकॉन कंपनी।
ट्रैफिक की लाइफलाइन क्यों?
इस फ्लाईओवर को रांची की यातायात व्यवस्था की ‘जीवन रेखा’ कहा जा रहा है। रातू रोड से पिस्का मोड़ तक का यह रूट भारी ट्रैफ़िक दबाव का सामना करता है। दोनों ओर घनी आबादी के कारण महज 2.5 किमी का सफर तय करने में अक्सर 40 से 60 मिनट लग जाते हैं। रात 10 बजे बड़े वाहनों (खासकर पंडरा बाजार समिति की ओर जाने वाले) की आवाजाही शुरू होते ही स्थिति बिगड़ जाती है और सड़क दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।