

रांची। बुधवार 3 अप्रैल 2025 को लोकसभा ने विपक्षी दलों के जोरदार विरोध के बावजूद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। इस बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि 232 सांसदों ने इसका विरोध किया। विपक्ष ने चर्चा के दौरान बिल के खिलाफ 100 से अधिक संशोधन प्रस्ताव रखे, लेकिन मतदान में सभी खारिज हो गए। अब आज 3 अप्रैल 2025 को राज्यसभा में बिल को पेश किया जाएगा।
सरकार का तर्क
सरकार ने दावा किया कि यदि यह बिल नहीं लाया जाता, तो संसद भवन सहित दिल्ली की कई इमारतें दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधीन चली जातीं। साथ ही, कांग्रेस के शासनकाल में वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन होता तो न केवल मुस्लिम समुदाय, बल्कि पूरे देश की तकदीर बदल सकती थी।
राज्यसभा में नंबर गेम: कैसे पड़ेंगे वोट
राज्यसभा में इस बिल को पारित होने के लिए न्यूनतम 119 वोट चाहिए। वर्तमान में सदन के कुल 236 सदस्य हैं, जिनमें से 16 सदस्यों की स्थिति अनिश्चित (सस्पेंस/निर्णयाधीन) है।
एनडीए गठबंधन का समर्थन (कुल 125 सदस्य)
- बीजेपी: 98
- जेडीयू: 4 | एनसीपी: 3 | टीडीपी: 2
- जेडीएस: 1 | शिवसेना: 1 | आरपीआई (अठावले): 1
- एजीपी: 1 | आरएलडी: 1 | यूपीपीएल: 1
- आरएलएम: 1 | पीएमके: 1 | टीएमसी-एम: 1
- एनपीपी: 1 | निर्दलीय: 2 | मनोनीत सदस्य: 6
इंडिया गठबंधन का विरोध (कुल 95 सदस्य)
- कांग्रेस: 27 | टीएमसी: 13 | डीएमके: 10
- आप: 10 | वाईएसआरसी: 7 | आरजेडी: 5
- एसपी: 4 | सीपीआईएम: 4 | जेएमएम: 3
- सीपीआई: 2 | आईयूएमएल: 2 | एनसीपी-पवार: 2
- शिवसेना (यूबीटी): 2 | एजीएम: 1 | एमडीएमके: 1
- केसीएम: 1 | निर्दलीय: 1
सस्पेंस (16)
- बीआरएस: 4 | बीजेडी: 7 | एआइएडीएमके: 4 | बीएसपी: 1
निर्णायक पहलू
एनडीए के पास 125 सदस्यों का बहुमत है, जो अभीष्ट 119 वोट से अधिक है। हालांकि, सस्पेंडेड सदस्यों की भूमिका या किसी गठबंधन सदस्य के विरोध का मामला उठने पर स्थिति बदल सकती है। विपक्षी गठबंधन के पास 95 वोट ही हैं, जो बिल को रोकने के लिए अपर्याप्त हैं।