

Jagannathpur Rath 2025: झारखंड की राजधानी रांची स्थित जगन्नाथपुर, धुर्वा से निकलकर ऐतिहासिक जगन्नाथपुर रथ यात्रा आज पूरे विधि-विधान और भव्यता के साथ मुख्य मंदिर से मौसीबाड़ी पहुंची। हजारों श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को खींचा। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए व्यापक एवं चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित की, जिसके कारण यह पवित्र यात्रा पूर्णतः सुरक्षित एवं सुचारू रूप से संपन्न हुई। जिला प्रशासन तथा मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालुओं से इस पवित्र आयोजन में सहभागिता कर भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने तथा व्यवस्था बनाए रखने में पूर्ण सहयोग करने की अपील की है।
सुरक्षा एवं प्रशासनिक इंतजाम:
- कड़ी निगरानी: रथ यात्रा मार्ग एवं मेला परिसर में सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन तथा वॉच टावर स्थापित किए गए।
- सुरक्षा बलों की तैनाती: पुलिसकर्मियों (पुरुष एवं महिला) तथा मजिस्ट्रेटों की व्यापक तैनाती की गई। सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी भीड़ पर सतत नजर रखते रहे।
- कमांड सेंटर: नीलाद्री भवन में एक केंद्रीकृत कमांड सेंटर स्थापित किया गया, जहां से ड्रोन और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से संपूर्ण आयोजन पर लाइव निगरानी की गई।
यातायात प्रबंधन:
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित मार्गों पर वाहनों का प्रवेश निषेध रखा गया:
- धुर्वा गोलचक्कर से पुराना विधानसभा
- प्रभात तारा मैदान से शालीमार बाजार चौक
- तिरिल मोड़ से मौसीबाड़ी गोलचक्कर
उच्चाधिकारियों की उपस्थिति एवं निरीक्षण:
पूरे आयोजन की सफलता एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहे:
- पुलिस महानिरीक्षक, मनोज कौशिक
- उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी, रांची,मंजूनाथ भजन्त्री
- डीआईजी सह वरीय पुलिस अधीक्षक, रांची, चंदन कुमार सिन्हा
- अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था), राजेश्वर नाथ आलोक
- पुलिस अधीक्षक (नगर), अजित कुमार
- अनुमंडल पदाधिकारी (सदर), उत्कर्ष कुमार
- जिला नजारत उप समाहर्ता, डॉ. सुदेश कुमार
- पुलिस उपाधीक्षक (हटिया व सदर) एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी।
इन अधिकारियों के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित की गईं। उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने स्वयं श्रद्धापूर्वक भगवान के रथ को खींचा और संपूर्ण आयोजन स्थल पर विधि-व्यवस्था का सतत निरीक्षण किया। उन्होंने मेला क्षेत्र में तैनात पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।