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रांची। 15 मई को अरगोड़ा थाना में हुए विवाद पर नया मोड़ आ गया। पुलिस पर लगे पिटाई के आरोप में अरगोड़ा थाना क्षेत्र के शांति समिति के लोगों ने डीजीपी को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। समिति के लोगों ने कहा कि इसतरह से हर बार पुलिस पर सवाल उठाना सही नहीं है। जिस दिन य़ह घटना घटी थाने में ही शांति समिति के कुछ लोग मौजूद थे। आरोप लगाने वाले विनोद सिन्हा ने जो अरगोड़ा थाने के मुंशी पर आरोप लगाया है वो बिल्कुल गलत है। विनोद ने खुद अपना सर फोड़ा। वो थाने में अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा था। मुंशी के मना करने के बाद वो उससे उलझ गया। उसके बाद विनोद ने कहानी बनाकर मुंशी को फंसाने का काम किया। अरगोड़ा थाना हमेशा यहां के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करते है। अगर इसी तरह पुलिस को बदनाम व मीडिया ट्रायल कराया जाता है तो इससे पुलिस का मनोबल टूटेगा। इसलिए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसका निष्पक्ष जांच कराए।
क्या है मामला
अरगोड़ा इलाके के रहने वाले एमआर विनोद सिन्हा ने अरगोड़ा थाना के मुंशी पर आरोप लगाया था कि गुरुवार रात को थाने के अंदर मेरे साथ मारपीट की गई है। विनोद का कहना था की कुछ दिन पहले उसका मोबाइल चोरी हो गया था। उसे सूचना मिली कि अरगोड़ा थाना में कुछ मोबाइल चोर पकड़े गए हैं। फिर मैं थाना पहुंचा। विनोद अपने मोबाइल के बारे में जानारकी ले रहा था, तभी थाना का मुंशी विनोद के साथ गाली गलौज करने लगा। विनोद ने गाली देने से मना किया तो मुंशी समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने विनोद की जमकर धुनाई कर दी।
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