रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला रोके जाने के मामले का मुख्य आरोपी भैरव सिंह की ओर से दायर क्रिमिनल रिवीजन पर सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई। कोर्ट ने भैरव सिंह की याचिका खारिज कर दिया। भैरव सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत द्वारा उसके खिलाफ किए गए आरोप गठन को चुनौती दी थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोप गठन को सही करार देते हुए डिस्चार्ज याचिका खारिज कर दी। यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले से जुड़ा हुआ है। जिसमें भैरव सिंह समेत कई लोग अभियुक्त हैं। इस मामले में भैरव सिंह को हाईकोर्ट से बेल मिली थी, निचली अदालत में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने भैरव सिंह के खिलाफ आरोप गठन (चार्ज फ्रेम) की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है।
2021 का है मामला
4 जनवरी 2021 को सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के हरमू किशोरगंज में भैरव सिंह एवं उसके साथी ओरमांझी में महिला का सिर कटा शव मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान सीएम हेमंत सोरेन सचिवालय से आवास जा रहे थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान उनका काफिला रुक गया। पुलिस ने जब उपद्रवियों को हटाने की कोशिश की तो झड़प हो गई जिसमें तत्कालीन यातायात थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह बुरी तरह घायल हो गए। इस मामले में भैरव सिंह सहित 74 लोगों के खिलाफ खंड संख्या 5 / 2021 दर्ज कराई गई थी। मामले में 7 जनवरी को भैरव सिंह ने रांची सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। निचली अदालत से भैरव सिंह की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। 26 जुलाई 2021 में हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी।