About me

News Box Bharat
Welcome to News Box Bharat, your one-stop destination for comprehensive news coverage and insightful analysis. With a commitment to delivering reliable information and promoting responsible journalism, we strive to keep you informed about the latest happenings from across the nation and the world. In this rapidly evolving era, staying updated and making sense of the news is crucial, and we are here to simplify the process for you.

Recent Posts

+91 6205-216-893 info@newsboxbharat.com
Friday, March 14, 2025
Latest Hindi NewsNewsTechnology

हाइपरलूप से रांची-टाटा की दूरी 20 मिनट में तय होगा

national news | national latest news | national latest hindi news | national news box bharat
Share the post

IIT मद्रास और टाटा स्टील ने किया सफल टेस्ट

रांची। भारत में हाई-स्पीड यात्रा का सपना अब टाटा से रांची के बीच हाइपरलूप प्रोजेक्ट के साथ साकार होने की ओर है। IIT मद्रास और टाटा स्टील के सहयोग से किए गए हाइपरलूप के सफल परीक्षण के बाद इस परियोजना को बड़ी सफलता मिली है। रेल मंत्रालय की फंडिंग से विकसित इस प्रोटोटाइप को भारत में अल्ट्रा-फास्ट ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

क्या है हाइपरलूप प्रोजेक्ट

हाइपरलूप एक अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली है, जिसमें निर्वात ट्यूब के अंदर एरोडायनैमिक पॉड्स को 700-1000 km/h की रफ्तार से दौड़ाया जाता है। IIT मद्रास ने 422 मीटर लंबे ट्रैक पर पहला टेस्ट पूरा कर लिया है, जहां 700 km/h की स्पीड से पॉड चलाने की संभावना तलाशी गई। यह तकनीक यात्रा के समय को कम करने के साथ-साथ ऊर्जा दक्षता भी बढ़ाएगी।

टाटा स्टील और IIT मद्रास की अहम भूमिका

टाटा स्टील इस प्रोजेक्ट में स्टील और कंपोजिट मटेरियल्स के डिजाइन व डेवलपमेंट में अपनी विशेषज्ञता लगा रहा है। दिसंबर 2022 में ट्यूटर हाइपरलूप और आईआईटी मद्रास के साथ हुए समझौते के बाद इसका टेक्निकल वर्क तेज हुआ। कंपनी का लक्ष्य हाइपरलूप को व्यावहारिक और सुरक्षित बनाने के लिए सामग्री विज्ञान में नवाचार करना है।

2017 से चल रही है तैयारी

इस परियोजना की नींव 2017 में रखी गई थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने टाटा-रांची रूट पर हाइपरलूप बनाने की घोषणा की थी। हालांकि, तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों के कारण 2019 तक इसे पूरा नहीं किया जा सका। अब रेल मंत्रालय और टाटा स्टील की सक्रिय भागीदारी से प्रोजेक्ट को नया जीवन मिला है।

झारखंड के लिए क्यों है खास?

  • यात्रा समय में कमी: टाटा से रांची की दूरी वर्तमान में सड़क मार्ग से 4-5 घंटे है। हाइपरलूप से यह महज 20-30 मिनट रह जाएगी।
  • आर्थिक विकास: उद्योगों को रॉ मटेरियल और मार्केट तक पहुंचने में आसानी होगी, जिससे राज्य में रोजगार और निवेश बढ़ेगा।
  • टेक्नोलॉजी हब: यह प्रोजेक्ट झारखंड को भारत के हाइपरलूप नेटवर्क का केंद्र बना सकता है।

अगले चरण क्या हैं

IIT मद्रास अब उच्च गति (700 km/h+) पर पॉड्स के टेस्टिंग पर फोकस करेगा। इसके बाद, रेलवे मंत्रालय और टाटा स्टील तकनीक को कमर्शियल स्तर पर लागू करने की योजना बनाएंगे। पर्यावरणीय प्रभाव आकलन और सुरक्षा मानकों को पूरा करना अगली चुनौती होगी। टाटा-रांची हाइपरलूप न केवल झारखंड बल्कि पूर्वी भारत के परिवहन लैंडस्केप को बदल सकता है। यदि सभी चरणों में सफलता मिलती है, तो 2028-30 तक यह यात्रा सेवा शुरू हो सकती है। इससे भारत, अमेरिका और यूरोप के बाद हाइपरलूप टेक्नोलॉजी में अग्रणी देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।

Leave a Response