17 दिन : सुरंग से जंग जीतने वाले आ गए हमारे जाबांज झारखंड के मजदूर । एयरपोर्ट में हुआ जोरदार स्वागत
झारखंड सरकार के मंत्री सत्यानंद भोक्ता मजदूरों का सम्मान बढ़ाए
रांची। उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग से 17 दिनों के बाद बाहर आए झारखंड के मजदूर शुक्रवार को भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर पहुंच गए। एयरपोर्ट पर ढोल बजाकर और फूल माला पहनाकर सभी 15 मजदूरों व उनके परिजनों का जोरदार स्वागत किया गया। झारखंड सरकार के मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद संजय सेठ, महुआ माझी, झारखंड प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, दीपक प्रकाश आदि ने मज़दूरों को शॉल ओढ़ाकर व फूल माला पहनाकर स्वागत किए। झारखंड के 15 मजदूर और उनसे मिलने गए 12 परिजनों इंडिगो एयरलाइंस से दिल्ली से रांची रात 8.30 बजे पहुंचें। बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर 15 मजदूर और उनसे मिलने गए 12 परिजनों को इंडिगो एयरलाइंस से रांची लाने की व्यवस्था करायी गई थी। मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर जैप आईटी सीईओ भुवनेश्वर प्रताप सिंह के नेतृत्व श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के दो पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई। निर्देशानुसार 1 दिसंबर को इंडिगो की फ्लाइट से सभी व्यक्तियों को रांची लाया गया। उत्तरकाशी टनल हादसे के तुरंत बाद ही राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए एक टीम घटनास्थल पर भेजी थी।
ये मजदूर आए
विश्वजीत कुमार, श्राजेद बेदिया, गुनोधर, ,समीर, चमरा उरांव, सुबोध कुमार, सुकराम, रंजीत, महादेव, विजय होरो, अनिल बेदिया, टिंकू सरदार, रविंद्र, भुक्तू मूर्मू व गणपति।
12 नवंबर को हुआ था हादसा
ब्रह्मखाल-यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को धंस गया था। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी। इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए थे। 15 मजदूर झारखंड के थे।