मोदी सरकार की तानाशाही अध्यादेश के खिलाफ, झारखंड के लोगों का दिल्ली को समर्थन मिला: केजरीवाल
केंद्र सरकार का अध्यादेश लोकतंत्र व संविधान पर प्रहार है: हेमंत सोरेन
रांची। दिल्ली के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अध्यादेश पर विभिन्न दलों से समर्थन जुटा रहे हैं। वह राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम चलाए हैं। इसी कड़ी में अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान व अन्य आप के नेता झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने पहंचे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रेस को संबोधित करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय हुआ है अपमान हुआ है। लोकसभा में बीजेपी को बहुमत है पर राज्यसभा में बहुमत नहीं है। इस अध्यादेश को पास नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के लिए अध्यादेश लाया गया है, कल देश में किसी भी राज्य के लिए अध्यादेश ला सकते हैं। केजरीवाल ने कहा कि सरकार की तानाशाही अध्यादेश के खिलाफ है। इस अध्यादेश के खिलाफ झारखंड के लोगों का दिल्ली को समर्थन मिला है। हेमंत सोरेन से लंबी चर्चा हुई। उन्होंने हमें संसद के अंदर और संसद के बाहर पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है। मैं सभी पार्टियों से अनुरोध करता हूं कि जब संसद में ये अध्यादेश आए तब इसका विरोध करें।
झारखंड में भी सरकार गिराने की कोशिश हुई
दिल्ली के सीएम ने कहा कि झारखंड सरकार को भी गिराने की कोशिश की गई। लेकिन मुख्यमंत्री ने मजबूती से केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। अरविंद केजरीवाल ने कहा की राज्यसभा से अध्यादेश पास नही होगा।
चुनी हुई सरकार को काम करने नहीं दिया जा रहा है
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनी हुई सरकार को केंद्र सरकार द्वारा काम नहीं करने दिया जा रहा है। संघीय ढांचे की बात केंद्र सरकार करती है, लेकिन कार्य उसके विपरीत है। जहां-जहां बीजेपी की सरकार नहीं है उन राज्य सरकार पर केंद्र सरकार द्वारा हमला किया जा रहा। देश की आजादी में जो बलिदान पूर्वजों ने दिया है, उनके बलिदान का मजाक उड़ाने का प्रयास किया जा रहा। सीएम सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार का अध्यादेश लोकतंत्र व संविधान पर प्रहार है। केंद्र सरकार संघीय ढांचे की बात करती है, लेकिन काम उल्टा करती है। केंद्र सरकार की जो सहयोगी सरकार नहीं है, उन सभी की वर्तमान में एक सी स्थिति है। दिल्ली में इन दिनों जो कुछ भी हो रहा है, वह वहां की गैर भाजपा शासित सरकार पर नहीं, बल्कि वहां की जनता, देश की जनता पर प्रहार है। उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश पर कानूनी और राजनीतिक दृष्टिकोण से लड़ने की जरुरत। मैं चाहता हूं कि केजरीवाल जी अपनी इस मुहिम पर सफल हो।
देश किसी के बाप की जागीर नहीं है: भगवंत
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह ने कहा की कोई पर्सनल समस्या लेकर झारखंड नहीं आए थे। लोकतंत्र की हत्या हो रही है उसको बचाने के प्रयास में रांची आए हैं। देश किसी बाप की जागीर नहीं है। यह व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि लोकतंत्र की हत्या को बचाने का प्रयास है। अगर अभी नहीं संभले, तो आगे लोकतंत्र की अस्थियां बह जाएगी। केंद्र की भाजपा सरकार को बहुत अहंकार है, जिसका वक्त आने पर कुदरत जवाब देगा। इस मौके पर दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना, दिल्ली विधानसभा के सदस्य विनय मिश्रा, दिल्ली से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह व राघव चड्डा आैर झारखंड से राज्यसभा सदस्य महुआ माजी भी शामिल थीं।