रांची। गढ़वा में शनिवार को आयोजित झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) की एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) हंगामेदार रही। एजीएम में शामिल होने आए लगभग 246 सदस्यों ने जेएससीए की कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर दिए। मीटिंग शुरू होते ही सदस्यों ने कहा कि एजीएम में साल-भर का कार्य का रिपोर्ट बुक यहां देना गलत है। यह पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। सदस्यों ने कहा कि जब हमलोगों को जेएससीए के आय-व्यय व अन्य जानकारी ही पहले नहीं मिलेगी तो ऐसा एजीएम करने से फायदा क्या है। एजीएम से कम से कम 10 दिन पहले सभी सदस्यों को एनुअल बुक मिल जाना चाहिए था, ताकि इस एनुअल बुक को पढ़कर सवाल किया जा सकता। लेकिन जेएससीए ने ऐसा नहीं किया। जबकि एजीएम से पहले एनुअल बुक मिल जाता था। एजीएम के दौरान एनुअल बुक देना ये गलत है। सभी सदस्यों ने इसपर जमकर विरोध किया। इसको लेकर खूब हंगामा एजीएम के दौरान हुआ। कहा जा सकता है कि एजीएम में शिरकत करने आए लगभग सभी सदस्यों ने इसका खुलकर विरोध किया।
17 से 33 नाम कैसे हो गया
मिली जानकारी के अनुसार नए सदस्यों को जेएससीए में शामिल करने को लेकर जमशेदपुर के अलावा सभी सदस्यों ने इसका भी विरोध किया। वहीं, चाईबासा के असीम सिंह ने कहा कि जब 17 सदस्यों के नाम पर स्व. अमिताभ चौधरी के रहते ही मुहर लग गई थी, तो फिर 33 नए सदस्यों का नाम कहां से आ गया। इसको लेकर भी खूब हंगामा हुआ। एजीएम में शामिल सभी सदस्यों ने कहा कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। भारी हंगामा को देख जेएससीए प्रबंधन ने इसको लेकर एक 5 सदस्यीय कमेटी बना दिया। साथ ही कहा कि इसमें 2 आैर लोगों को शामिल किया जाएगा। यानि सात लोगों की टीम नए मेंबर के नाम को देगी। 5 सदस्यीयी कमेटी में अजयनाथ शाहदेव, विनय सिंह, संजय सिंह, कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह को शा्मिल किया है।
स्व. अमिताभ चौधरी ने 17 के नाम को फाइल किया था
आपको बता दें कि 1 मई 2022 को हुए एजीएम में स्वर्गीय अमिताभ चौधरी ने 17 नए सदस्यों को जेएससीए में शामिल करने को लेकर नाम का अनाउंस किया था। इसको हाउस में पास करा लिया गया था। लेकिन वो लिस्ट किसी सदस्यों को नहीं मिल पाया था। अब सवाल उठता है कि ये 17 नाम अमिताभ चौधरी ने किसका रखा था, या फिर उनके द्वारा बनाया गया लिस्ट में फेरबदल कर दिया गया। अब नए सदस्यों को शामिल करना जेएससीए के लिए लोहे का चना चबाना जैसा होगा।