

Jharkhand Liquor Scam : झारखंड विरोधी भ्रष्टाचार ब्यूरो (एसीबी) ने राज्य के बहुचर्चित शराब घोटाले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व उत्पाद आयुक्त व आईएएस अधिकारी अमित प्रकाश को मंगलवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी पूरे दिन चली पूछताछ के बाद की गई है। विनय चौबे के बाद अमित प्रकाश इस घोटाले में गिरफ्तार होने वाले दूसरे आईएएस अधिकारी हैं।
प्रमुख बिंदु:
- पद एवं कार्यकाल: अमित प्रकाश दिसंबर 2024 तक उत्पाद विभाग के आयुक्त के साथ-साथ झारखंड स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद पर भी रहे थे।
- पूछताछ एवं गिरफ्तारी: एसीबी ने पहले 13 जून को उनसे पूछताछ की थी। इसके बाद उन्हें मंगलवार को फिर बुलाया गया। लगातार पूछताछ के बाद, अधिकारी के जवाबों से एसीबी असंतुष्ट रही। उन पर सवालों का जवाब न देने और टालमटोल करने का आरोप है। इसके बाद शाम को गिरफ्तारी का निर्णय लिया गया।
- आरोपों का सार: एसीबी जांच के अनुसार:
- अमित प्रकाश के कार्यकाल में, प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से शराब की खुदरा बिक्री के बदले जेएसबीसीएल खाते में काफी कम राशि जमा कराई गई।
- उनके एमडी रहते हुए शराब बिक्री का घाटा बढ़कर लगभग 70 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।
- उनके पास बैंक गारंटी को नकदी में बदलकर (इनकैश कर) जेएसबीसीएल के खाते में धनराशि जमा कराने का अधिकार था, लेकिन उन्होंने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। एसीबी इस अवधि में हुई अनियमितताओं का आकलन कर रही है।
- हिरासत एवं अदालती प्रक्रिया: गिरफ्तारी के बाद अमित प्रकाश को एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें न्यायिक हिरासत में रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया है।
- मामले में स्थिति: एसीबी ने इस शराब घोटाला मामले में पूर्व उत्पाद आयुक्त विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह समेत कुल 12 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है। अब तक 5 आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। एसीबी ने अपनी जांच के बाद अमित प्रकाश को इस केस का प्रथम अप्राथमिकीकृत अभियुक्त (पहला अप्राथमिकी अभियुक्त) घोषित किया है।
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