
रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक चंपई सोरेन ने चाईबासा में हुए लाठीचार्ज की घटना पर हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा है। चाईबासा के ग्रामीण लंबे समय से दिन के समय भारी वाहनों के लिए ‘नो एंट्री’ की मांग कर रहे थे, क्योंकि इन वाहनों से अक्सर दुर्घटनाएं हो रही थीं। जब ग्रामीण इस मांग को लेकर परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ के घर जा रहे थे, तो पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इससे कई लोग घायल हुए और कईयों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के विरोध में चंपई सोरेन ने कोल्हान इलाके में ‘बंद’ का आह्वान किया है। वहीं, झारखंड भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य साहू ने प्रेस कांफ्रेंस कर चाईबासा में हुए लाठीचार्ज की घटना का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ 29 अक्टूबर को पश्चिम सिंहभूम चाईबासा ,सरायकेला खरसावां जिलों में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। बंद 6 बजे सुबह से शाम 6 बजे तक होगा
चंपई सोरेन की प्रमुख आपत्तियां
- आदिवासियों पर अत्याचार: चंपई सोरेन का कहना है कि यह सरकार आदिवासियों को निशाना बना रही है। उन्होंने भोगनाडीह, गोड्डा और नगड़ी की पुरानी घटनाओं का भी जिक्र किया, जहां आदिवासियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
- आदिवासी पहचान को खतरा: उन्होंने कहा कि संथाल परगना को आदिवासी इलाका बने रहना चाहिए और उसे किसी और समुदाय का इलाका नहीं बनने देंगे।
- फर्जी मामले और एनकाउंटर का डर: उनका आरोप है कि आवाज उठाने वालों के खिलाफ फर्जी मामले बनाए जा रहे हैं। उन्हें डर है कि चाईबासा में गिरफ्तार किए गए लोगों के साथ पुलिस एनकाउंटर भी कर सकती है।
- बच्चे को संक्रमित खून चढ़ाना: चाईबासा के एक बच्चे को संक्रमित खून चढ़ाए जाने के मामले पर भी उन्होंने सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर ऐसे पीड़ित बच्चे आदिवासी समुदाय से हैं।





