नहीं रही एक और ‘निर्भया’: मंत्री दीपिका पांडे ने कहा- परिजनों से बातचीत नहीं करने दे रहा गुजरात प्रशासन


रांची। गुजरात के भरूच में हैवानियत का शिकार हुई झारखंड की 10 साल की मासूम ने 8वें दिन जिदंगी की जंग हार गई। सोमवार को मासूम ने शाम में दम तोड़ दिया। 16 दिसंबर 2024 को हुए इस जघन्य अपराध में आरोपी विजय पासवान ने मासूम बच्ची के साथ न केवल बलात्कार किया था, बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट्स में लोहे की रॉड भी डाली थी। जांच में पता चला है कि आरोपी ने इस मासूम के साथ एक महीने में दो बार बलात्कार किया था। बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की। लेकिन गंभीर चोटों के कारण उसकी जान नहीं बच सकी। बच्ची के शरीर में फैले संक्रमण के कारण उसे कई सर्जरी करानी पड़ी। डॉक्टरों की तमाम कोशिश के बाद भी बच्ची की जान नहीं बच सकी। वहीं, ग्रामीण विकास मंत्री ने अपने X अकाउंट पर लिखा… झारखंड सरकार पीड़ित परिवार से संपर्क करने की हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन उनका मोबाइल बंद आ रहा है। स्थानीय लोगों की मदद से भी परिवार से संपर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अस्पताल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है और किसी को भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। हमारी पूरी कोशिश है कि मासूम गुड़िया के पार्थिव शरीर को झारखंड लाया जाए, ताकि उसके पैतृक गांव पलामू में उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी स्वयं इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता पहुंचाई जाए। यह एक कठिन समय है, लेकिन झारखंड सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और न्याय दिलाने के लिए हर कदम उठा रही है।