अंजुमन इस्लामिया रांची के अध्यक्ष मोख्तार अहमद पर वित्तीय गड़बड़ी व भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप । मामला पहुंचा सेंट्रल वक्फ काउंसिल दिल्ली

गलत तरीके से अंजुमन अस्पताल में कमेटी गठन किया गया

– विधि अधिकारी ने जल्द उचित कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया
– मौलाना आजाद कॉलेज में भी अनियमितता बरती गई
रांची। अंजुमन इस्लामिया रांची का मामला अब सेंट्रल वक्फ काउंसिल दिल्ली पहुंच गया है। अंजुमन इस्लामिया रांची ने अपने ही अध्यक्ष मोख्तार अहमद पर बहुत सारी वित्तीय गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया। साथ ही तानाशाही व नियम कानून को ताक में रखकर चलाने का आरोप भी लगाया गया है। अब अंजुमन की कमेटी ने भी अध्यक्ष के इन रवैयों के खिलाफ सेंट्रल वक्फ काउंसिल दिल्ली पहुंचकर शिकायत की। अंजुमन इस्लामिया रांची के महासचिव डॉ.तारिक हुसैन ने सेंट्रल वक्फ काउंसिल दिल्ली के विधि अधिकारी अफजालुल हक से मुलाकात की। महासचिव डॉ तारिक हुसैन ने उनसे अंजुमन इस्लामिया रांची के सभी मुद्दों पर चर्चा की और उनके द्वारा एसपी सिंह तेवतिया (सचिव सेंट्रल वक्फ काउंसिल) को आधिकारिक पत्र दिया। अफजालुल, विधि अधिकारी ने जल्द ही उचित कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है ।
क्या है पूरा मामला
अंजुमन इस्लामिया रांची के महासचिव डॉ.तारिक हुसैन ने कहा कि अंजुमन के अध्यक्ष के कारण कमेटी कई सारी परेशानियों का सामना कर रही है। जिसके चलते कई सारे महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने पूरी व्यवस्था को ही खत्म कर दिया है। यानि एक तरह से हिटलर तानाशाही रवैया अध्यक्ष अपनाए हुए हैं। तारिक ने कहा कि जब कमेटी ने इन सभी मुद्दों की आवाज उठाई तो अध्यक्ष ने विभिन्न प्रकार की समस्या पैदा करना शुरू कर दिए। अपने सहयोगियो’ के साथ मिलकर अंजुमन इस्लामिया अस्पताल की अवैध समिति बनाना और कब्जा करने की साजिश रची। अस्पताल के दैनिक लेनदेन को बैंकों में जमा न करने के निर्देश दिया। अंजुमन इस्लामिया रांची के अन्य विंगों को दरकिनार किया गया। मौलाना आजाद कॉलेज में भी अनियमितता बरती गई। जिस पर रांची विश्वविद्यालय ने रोक लगा दी और एक जांच कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी है।
मंत्री व सीईओ को दी गई है जानकारी
तारिक ने कहा कि अध्यक्ष व उनके सहयोगी झूठे बयानों से लोगों को गुमराह भी कर रहे हैंष करने की भी कोशिश कर रहे हैं। अंजुमन इस्लामिया रांची के अध्यक्ष और संयुक्त सचिव शाहिद मास्टर उपनियमों का अनदेखा किए। पैसा कमाने व अपने लोगों को वर्चस्व कायम करने को लेकर पूरी तरह से कमेटी में मनमानी कर रहे। इसको लेकर पूरी मजलिस-ए-आमला के सदस्य और महासचिव गुस्से में हैं। इसलिए कमेटी ने निर्णय लिया कि सारी जानकारी वक्फ काउंसिल दिल्ली को दी जाए। इससे पहले पूरी टीम मजलिस-ए-आमला के सदस्य और डॉ तारिक हुसैन ने झारखंड कल्याण विभाग के मंत्री हफीज़ुल हसन और झारखंड वक्फ बोर्ड के सीईओ से मिलकर इसकीर लिखित जानकारी दे दिए हैं।