रांची। 84 साल के कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो का निधन हो गया है। उन्होंने मांडर के अस्पताल में अंतिम सांल ली। कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो लंबे अरसे बीमार थे। बुधवार शाम चार बजे उनका निधन हुआ। कार्डिनल के निधन की सूचना से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई। रांची के सहायक बिशप थियोडोर मैस्करेनहास, एसएफएक्स ने अपने संदेश में कहा कि हमारे कार्डिनल टेलीस्फोर टोप्पो स्वर्गीय पिता के पास लौट आए हैं। एमेरिटस कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो, जो काफी समय से बिस्तर पर थे, 4 अक्टूबर 2023 को सुबह 3:45 बजे कॉन्स्टेंट लिवेन्स हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मांदर में समाप्त हो गए। उनकी उम्र 84 साल थी। छोटानागपुर के चर्च के विकास में उनके अपार योगदान के लिए रांची महाधर्मप्रांत, धार्मिक और मंडली हमेशा उनका आभारी रहेगा। एमेरिटस कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो के अंतिम दिनों में उनकी देखभाल करने के लिए अस्पताल के कर्मचारियों को धन्यवाद। अंतिम संस्कार का विवरण अभी तक तय नहीं किया गया है। हम आपको बाद में सूचित करेंगे। भगवान उसे प्रभु के अंगूर के बगीचे में उसके काम के लिए शाश्वत पुरस्कार प्रदान करें। आइए हम प्रार्थना में एकजुट हों और प्रभु से अपने से संबंधित सभी लोगों और प्रियजनों को सांत्वना देने के लिए प्रार्थना करें। हे प्रभु, उसे अनुदान दो और उस पर सतत प्रकाश चमकने दो। एमेरिटस कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो की आत्मा को शांति मिले। तथास्तु….
कांग्रेस ने कहा- राज्य के लिए अपूरणीय क्षति
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि उनका निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने जीवन काल में चर्च के माध्यम से सेवा कार्य द्वारा पूरे विश्व में झारखंड एवं आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने जीवन पर्यन्त सर्वधर्म समभाव के संदेशों को समाज के सभी वर्गों में बांटने का काम किया। उनका मृदुभाषी सरल व्यवहार एवं मिलनसार व्यक्तित्व सदा स्मरणीय रहेगा। उन्होंने सदैव धर्म के बंधन से उपर उठकर आदिवासियों एवं राज्यवासियों को सदैव मिलकर रहने का संदेश दिया।
सदैव समाज के बीच आपसी प्रेम एवं भाईचारा को बांटने का कार्य किया
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष बन्धु तिर्की ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो का सेवा कार्य की भावना लेकर एक सुदूर गांव से निकलकर चर्च के उच्च पद पर आसीन होना झारखंड राज्य के आदिवासियों के लिए एक गौरव की बात थी। उन्होंने सदैव समाज के बीच आपसी प्रेम एवं भाईचारा को बांटने का कार्य किया। साथ ही विश्व स्तर पर राज्य में आदिवासियों की दुर्दशा को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के माध्यम से हर संभव प्रयास किया। शोक व्यक्त करने वालों में प्रदेश महासचिव सह कार्यालय प्रभारी अमुल्य नीरज खलखो, राकेश सिन्हा, केशव महतो कमलेश, मदन मोहन शर्मा, रवीन्द्र सिंह, राजीव रंजन प्रसाद, सतीश पॉल मुंजनी, शिव कुमार भगत, आभा सिन्हा, डॉ एम तौसीफ, डॉ राकेश किरण महतो, डॉ कुमार राजा, नेली नाथन, बेलस तिर्की, डॉ बिरसा उरांव, केदार पासवान, सुरेन राम, जगदीश साहु, निरंजन पासवान, उज्ज्वल तिवारी, छोटू सिंह, नरेन्द्र लाल गोपी आदि शामिल थे।