झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान BJP के ढुल्लू और JMM के सुदिव्य आपस में भिड़े | मारपीट तक की नौबत आई
आलमगीर आलम ने कहा कि सदन में इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है
रांची। झारखंड विधानसभा का चौथे दिन का मानसून सत्र जारी है। बुधवार को सदन के भीतर जमकर हंगामा हुआ। इसको लेकर स्पीकर को दो बार सदन को स्थगित करना पड़ा। सदन के अंदर माहौल इतना खराब हो गया कि बाघमारा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक ढुल्लू महतो और गिरिडीह झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू भिड़ गए। हालात ऐसे थे कि मारपीट की नौबत आ गई। सदन के भीतर दोनों ने एक-दूसरे को ललकारा, बाहें चढ़ा लीं। साथी विधायकों ने बीच-बचाव किया। संसदीय कार्यमंत्री सह ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर माननीय जनप्रतिनिधियों का यह व्यवहार अस्वीकार्य है और निंदनीय है। जब विधायक ढुलू महतो और सुदिव्य कुमार सोनू के बीच मारपीट की नौबत आ गई तो स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने बीच-बचाव किया। सत्र शुरू होते ही यह हंगामा शुरू हुआ। लेकिन स्पीकर ने 20 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही रोक दी।
कई विधायकों ने तनातनी मामला को रोका
बीजेपी विधायक ढूलू महतो ने झामुमो के सुदिव्य कुमार सोनू का नाम लेते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में लोग कोयले में दबकर मर रहे हैं। इस पर सुदिव्य सोनू ने कहा कि वह अपने क्षेत्र की चिंता करें। सुदिव्य सोनू ने कहा कि यहां जिस व्यक्ति का हवाला दिया जा रहा है, उसकी मौत मुंबई में हुई है। उनके शव को लाने की व्यवस्था सरकार कर रही है। साथियों ने दोनों विधायकों को हस्तक्षेप कर रोका। आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों विधायकों ने में तनातनी बढ़ गई। ढुलू और सुदिव्य आमने-सामने आ गए। दोनों ने एक दूसरे को ललकारा और मारपीट की नौबत आ गई। हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल ने रोकना चाहा तो ढुल्लू महतो ने उनका हाथ झटक दिया। दूसरी ओर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, बरही विधायक उमाशंकर अकेला और जुगसलाई से झामुमो विधायक मंगल कालिंदी ने सुदिव्य सोनू को रोकने का प्रयास किया।
झामुमो के लोबिन हेंब्रम ने सुरक्षा मांगा
ध्यानाकर्षण के दौरान सत्ता पक्षा के लोबिन हेंब्रम ने सदन से अपनी सुरक्षा की मांग की। झामुमो के विधायक ने कहा कि मैं जल जंगल की लड़ाई हमेशा से लड़ता रहा हूं, हमारे जिले में अवैध माइनिंग हो रही है। इसके खिलाफ भी लड़ाई लड़ रहा हूं। इसको लेकर मैंने डीजीपी और केंद्र को भी पत्र भेजा है। लेकिन उस पर कुछ नहीं हुआ है। लोबिन हेंब्रम ने कहा कि चिंता की बात है कि अवैध माइनिंग से जुड़े लोग घरों में घुसकर गोली मार दिया करते हैं। इसलिए मेरी जान को भी खतरा बना हुआ है। लोबिन हेंब्रम ने कहा कि अगर 15 दिन के भीतर उन्हें सुरक्षा नहीं मिलती है तो वह केंद्र के पास जाएंगे।