
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को दुमका एयरपोर्ट पर स्थित झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने जनता के बीच परिसंपत्तियों का वितरण भी किया और जिले को करोड़ों रुपये की लागत वाली विभिन्न योजनाओं की सौगात दी। इस संस्थान की स्थापना से स्थानीय युवाओं के लिए कमर्शियल पायलल बनने के सपने साकार होंगे। संस्थान में प्रतिवर्ष 30 युवाओं को प्रवेश मिलेगा, जिनमें से 15 आरक्षित वर्ग के छात्रों की पूरी फीस राज्य सरकार वहन करेगी। शेष 15 सीटों पर भी युवाओं को रियायती शुल्क पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा, “आप हमारा साथ दें, अपना एक हाथ बढ़ाएं, हम उसे दोनों हाथों से थामकर प्रगति की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।” उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के बाद संथाल परगना को विकास की धुरी चुना गया है और यहां से खींची गई विकास की लकीर राजधानी रांची और दिल्ली तक पहुंचेगी। मुख्यमंत्री ने इस संस्थान की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि इसकी परिकल्पना पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने की थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इसे लागू नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारें नहीं चाहती थीं कि यहाँ के मूलवासी और आदिवासी युवा आगे बढ़ें।
योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण
सीएम सोरेन ने भविष्य की योजनाओं का खाका पेश करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में गरीब परिवारों के युवा पायलल बनते नजर आएंगे। सरकार द्वारा विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रों को भेजने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने जैसे प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जनता के काम जिम्मेदारीपूर्वक और समय पर करें, नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने लगभग 300 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। जरूरतमंदों को अबुआ आवास, ट्राई साइकिल सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिया गया। सीएम ने मसलिया प्रखंड में चल रही मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निरीक्षण भी किया और बताया कि यह दो माह में पूरी हो जाएगी, जिससे सैकड़ों गांवों को सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।





