झारखंड के पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता पर भारी आरोप: गैंगस्टर सुजीत सिन्हा का गिरोह चलाने और पाकिस्तानी हथियार लेने का खुलासा

रांची। झारखंड के विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने झारखंड के पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के गिरोह के बीच गुप्त साठ-गांठ (मिलीभगत) होने के गंभीर आरोप लगाए हैं और इसकी गहन जांच की मांग की है। बाबूलाल मरांडी ने अपने पत्र में कहा है कि यह मामला देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा है। इसलिए NIA को तुरंत इस मामले में दखल देना चाहिए और जांच शुरू करनी चाहिए। बाबूलाल मरांडी ने अपनी मांग में कहा है कि यह मामला बहुत गंभीर है क्योंकि इसमें पाकिस्तान से हथियार आना और पुलिस की मिलीभगत जैसे खतरनाक आरोप शामिल हैं। इसलिए, सुजीत सिन्हा गिरोह के खिलाफ चल रहे सभी मामलों की जांच अब NIA को अपने हाथ में लेनी चाहिए।
क्या हैं मुख्य आरोप
- पाकिस्तान से हथियारों का आना:
मरांडी ने आरोप लगाया है कि सुजीत सिन्हा का गिरोह पंजाब के मोगा इलाके में ड्रोन से गिराए गए हथियार खरीद रहा है। ये हथियार पाकिस्तान से आते हैं, जो भारत की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह गिरोह एक अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर प्रिंस खान के नेटवर्क से भी जुड़ा हुआ है। - पुलिस और गैंगस्टर की सांठगांठ:
हाल ही में, सुजीत सिन्हा की पत्नी, रिया सिन्हा, को गिरफ्तार किया गया था। उसके मोबाइल फोन से मिले सबूतों से पता चला है कि उसका पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के साथ बहुत घनिष्ठ और संदेहास्पद संबंध था। - पूर्व डीजीपी पर गिरोह चलाने का आरोप:
पूछताछ में पता चला है कि सुजीत सिन्हा का गिरोह असल में पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के इशारे पर काम कर रहा था। ‘कोयलांचल शांति समिति’ (KSS) नामक एक संगठन बनाकर जबरन वसूली की जाती थी और इस वसूली का एक हिस्सा अनुराग गुप्ता को दिया जाता था, ऐसा आरोप है।
NIA से किन बातों की जांच चाहते हैं मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने NIA से अपने पत्र में निम्नलिखित मुद्दों पर जांच करने का अनुरोध किया है:
- मोबाइल चैट और बातचीत की जांच: रिया सिन्हा और अनुराग गुप्ता के बीच हुई सारी फोन कॉल और मैसेजों की जांच हो। यह पता लगाया जाए कि क्या अनुराग गुप्ता को गैंगस्टरों से कोई पैसा या तोहफा मिला।
- KSS संगठन की भूमिका: इस बात की जांच कि क्या अनुराग गुप्ता ने ही KSS नामक झूठे संगठन को बनाने और चलाने में मदद की।
- सरकारी परियोजना पर कब्जे का आरोप: यह जांचना कि क्या पूर्व डीजीपी और गिरोह ने मिलकर झारखंड की ‘भारतमाला’ जैसी महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं में जबरन वसूली और अपना दबदबा बनाया।
- अमन साहू की मुठभेड़ पर सवाल: एक अन्य गैंगस्टर अमन साहू की पुलिस मुठभेड़ पर संदेह जताया गया है। मरांडी का कहना है कि यह मुठभेड़ सुजीत सिन्हा के गिरोह का रास्ता साफ करने के लिए अनुराग गुप्ता के कहने पर करवाई गई थी।
- सबूत दबाने के आरोप: यह भी आरोप है कि पुलिस के कुछ अधिकारियों ने रिया सिन्हा और अनुराग गुप्ता के बीच की चैट को दबाने की कोशिश की, ताकि सच्चाई सामने न आ सके।





