

पाकिस्तान ने ईरान के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है। ईरान और अमेरिका के बीच तनाव अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया है।
IRAN-AMERICA-ISRAEL : ईरान ने अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई में मिसाइलें दागी हैं, खासकर कतर और इराक में स्थित ठिकानों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने कतर के दोहा में अल उदीद एयर बेस पर छह मिसाइलें और इराक में एक अमेरिकी ठिकाने पर एक मिसाइल दागी। यह कार्रवाई अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज, और इस्फहान—पर हवाई हमलों के बाद की गई, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने “अत्यंत सफल” बताया। ईरानी मीडिया ने इसे ‘ऑपरेशन बशारत अल-फतह’ का नाम दिया और दावा किया कि यह अमेरिकी हमलों का जवाब है। कतर की राजधानी दोहा में धमाकों की आवाजें सुनी गईं, जैसा कि रॉयटर्स को एक प्रत्यक्षदर्शी ने पुष्टि की। इसके अलावा, ईरान ने सीरिया में भी एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला किया, जो अमेरिकी हमलों के 36 घंटे बाद हुआ। कुवैत, कतर, इराक, यूएई ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है।
अमेरिका ने तीन परमाणु ठिकानों पर हमले किए
22 जून 2025 को अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” चलाया। इस ऑपरेशन में अमेरिकी B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स, 14 GBU-57 बंकर बस्टर बम और 30 टॉमहॉक मिसाइलों का उपयोग करते हुए ईरान के तीन परमाणु ठिकानों (फोर्डो, नतांज, इस्फहान) पर हवाई हमले किए। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने दावा किया कि इससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम “पूरी तरह तबाह” हो गया। ईरान और अमेरिका के बीच तनाव अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया है। कतर और सीरिया में हुए प्रतिशोधी हमले तथा ईरान की भविष्य की धमकियों ने मध्य पूर्व को युद्ध की कगार पर पहुंचा दिया है। स्थिति अत्यंत गतिशील है और अगले कुछ घंटे व दिन अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
ईरान की प्रतिशोधी कार्रवाई (23 जून 2025)
- कतर में अल उदैद एयर बेस पर हमला:
- ईरान ने मध्य पूर्व के सबसे बड़े अमेरिकी सैन्य अड्डे (कतर) पर 6 मिसाइलें दागीं।
- इजरायली अधिकारी सूत्रों के अनुसार (AXIOS द्वारा रिपोर्ट), यह अमेरिका के खिलाफ ईरान की पहली प्रमुख प्रत्यक्ष कार्रवाई है।
- नुकसान की सटीक जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं हुई है।
- सीरिया में हसाका सैन्य अड्डे पर हमला
- ईरानी मीडिया के अनुसार, सीरिया के पश्चिमी हसाका प्रांत में स्थित एक अमेरिकी अड्डे को निशाना बनाया गया।
- इस हमले की जिम्मेदारी ईरान-समर्थित प्रॉक्सी समूहों (जैसे क्षेत्रीय शिया मिलिशिया) को दी जा रही है। ईरान ने आधिकारिक तौर पर इसे स्वीकार नहीं किया है।
- अड्डे पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और नुकसान का आकलन जारी है।
ईरान की चेतावनियां एवं दावे
- विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा: अमेरिका ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली है। मध्य पूर्व में प्रत्येक अमेरिकी सैनिक अब निशाने पर है।
- ईरान ने इराक (अल असद, अल-हरीर), यूएई (अल-धफरा), बहरीन (नौसैनिक अड्डा), और कुवैत (कैंप आरिफजान) स्थित अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दी है।
- संयुक्त राष्ट्र में ईरानी राजदूत आमिर सईद इरावानी ने तीन परमाणु स्थलों पर हुए हमले के खिलाफ “अनुपातिक जवाब” देने का संकेत दिया।
- सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने अमेरिकी हमलों को “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” बताते हुए प्रतिकार की घोषणा की।
- ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने की भी धमकी दी है, जिससे वैश्विक तेल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
अमेरिकी तैयारियां एवं प्रतिक्रिया
- अमेरिका ने यूएई, जॉर्डन, सऊदी अरब और कुवैत में तैनात अपने सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा है।
- रक्षा मंत्री हेगसेथ ने चेतावनी दी है कि ईरान के किसी भी प्रतिशोधी हमले का “कड़ा जवाब” दिया जाएगा।
क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव
- तनाव चरम पर: 13 जून से चल रहे इजरायल-ईरान युद्ध में अमेरिका की सीधी भागीदारी ने पूरे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा दिया है।
- खाड़ी देश सतर्क: बहरीन और कतर जैसे देशों ने अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है।
- पाकिस्तान की भूमिका: पाकिस्तान ने ईरान के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने अमेरिकी हमलों की निंदा की।
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इस मामले पर आपात बैठक बुलाई है।
अगले कदम एवं चिंताएं
- सूत्रों का दावा है कि ईरान अगले 24-48 घंटों के भीतर मध्य पूर्व में अन्य अमेरिकी ठिकानों पर बड़े हमले कर सकता है।
- ईरान द्वारा कुछ हमलों (विशेषकर सीरिया) की जिम्मेदारी न लेने से प्रॉक्सी समूहों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे संघर्ष और जटिल हो सकता है।
- युद्ध के विस्तार का भय: विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं कि यह टकराव एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध या वैश्विक संकट में बदल सकता है।