

Adampur Airbaseभारत की सैन्य शक्ति, रणनीति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह भारत के उन वीर वायु योद्धाओं को समर्पित है जो दिन-रात देश की रक्षा में तत्पर रहते हैं।
आदमपुर एयरबेस, जिसे AFS Adampur भी कहा जाता है, भारतीय वायुसेना का एक प्रमुख सैन्य अड्डा है। यह पंजाब के जालंधर जिले के आदमपुर क्षेत्र में स्थित है और भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट होने के कारण रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां मिग-29 लड़ाकू विमान और आधुनिक S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात हैं, जो इसे भारत की वायु सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ बनाते हैं।
इतिहास और महत्व
इस एयरबेस की स्थापना ब्रिटिश काल में 1940 के दशक में हुई थी। स्वतंत्रता के बाद इसे भारतीय वायुसेना ने अधिग्रहित कर एक पूर्ण सैन्य अड्डा बनाया। 1965 और 1971 के युद्धों में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भौगोलिक स्थिति
यह जालंधर से लगभग 25 किलोमीटर दूर और भारत-पाक सीमा से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो इसे त्वरित सैन्य प्रतिक्रिया के लिए उपयुक्त बनाता है।
हाल की घटनाएं
13 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक आदमपुर एयरबेस का दौरा किया। उन्होंने वहां वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनकी बहादुरी की सराहना की। उनके पीछे खड़ी S-400 मिसाइल प्रणाली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिससे भारत की रक्षा क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
रणनीतिक महत्व
इसकी भौगोलिक स्थिति और आधुनिक रक्षा प्रणालियां इसे भारत की रक्षा नीति में एक अहम स्थान देती हैं। S-400 प्रणाली के कारण यह बेस शत्रु के हवाई और मिसाइल हमलों को रोकने में सक्षम है।
नागरिक उपयोग
हालांकि यह मुख्य रूप से सैन्य अड्डा है, लेकिन कुछ सीमित घरेलू उड़ानें भी यहां से संचालित होती हैं, जिससे स्थानीय क्षेत्रों को हवाई कनेक्टिविटी मिलती है।
भविष्य की दिशा
भारत सरकार इस एयरबेस को और अधिक आधुनिक और सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। यह भारत की उत्तरी सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करेगा।